

कोलकाताः पश्चिम बंगाल सरकार ने मंगलवार को पिछले सप्ताह सॉल्टलेक स्टेडियम में लियोनेल मेस्सी के कार्यक्रम के दौरान कथित कुप्रबंधन को लेकर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) समेत वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया।
मुख्य सचिव मनोज पंत के कार्यालय के एक बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार ने बिधाननगर के पुलिस उपायुक्त अनीश सरकार को भी निलंबित कर दिया है। सॉल्टलेक फुटबॉल स्टेडियम में 13 दिसंबर को हुए आयोजन के दौरान कथित कुप्रबंधन की जांच के लिए गठित जांच समिति की सिफारिशों के बाद यह कार्रवाई की गई।
बिधाननगर उपायुक्त के खिलाफ विभागीय कार्रवाई
बयान में कहा गया है कि डीजीपी राजीव कुमार को जारी कारण बताओ नोटिस में कार्यक्रम स्थल पर सामने आयीं खामियों के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है और जवाब देने के लिए 24 घंटे की समय सीमा निर्धारित की गई है। बिधाननगर पुलिस आयुक्त मुकेश कुमार को भी इसी तरह का कारण बताओ नोटिस जारी किया गया और उनसे उस कार्यक्रम के प्रबंधन में आयुक्त कार्यालय की भूमिका एवं आचरण को स्पष्ट करने के लिए कहा गया, जिसके फलस्वरूप शनिवार को स्टेडियम परिसर के भीतर दर्शकों द्वारा बड़े पैमाने पर अराजकता और तोड़फोड़ की गयी थी। बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार ने बिधाननगर के उपायुक्त को निलंबित कर दिया है और घटना वाले दिन कर्तव्य में कथित लापरवाही के लिए उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही शुरू की है।
सॉल्टलेक स्टेडियम के मुख्य कार्यकारी को हटाया गया
युवा मामले एवं खेल विभाग के प्रधान सचिव राजेश कुमार सिन्हा को भी कथित लापरवाही को लेकर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। सॉल्टलेक स्टेडियम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देब कुमार नंदन की सेवाएं तत्काल प्रभाव से वापस ले ली गई है। सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति आशीष कुमार रॉय की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय जांच समिति की सिफारिशों के अनुसार, राज्य ने स्टेडियम में हुई अराजकता की गहन जांच करने के लिए चार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों - पीयूष पांडे, जावेद शमीम, सुप्रतिम सरकार और मुरलीधर - का एक विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाया है। इस अराजकता के कारण कार्यक्रम बीच में बंद कर दिया गया था।
इस व्यवधान के कारण फुटबॉल सुपरस्टार को स्टेडियम से समय से पहले ही निकलना पड़ा, जबकि तोड़फोड़ से लगभग दो करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।
स्टेडियम में पानी की बोतलों को लेकर सवाल
इससे पहले दिन में, न्यायमूर्ति रॉय ने कहा कि जांच समिति की रिपोर्ट ने मानक संचालन प्रक्रियाओं के उल्लंघन, विशेष रूप से स्टेडियम के अंदर पानी की बोतलों की उपस्थिति पर गंभीर सवाल उठाए हैं। स्टेडियम में मची अफरा-तफरी के दौरान गैलरी से पानी की बोतलें फेंकी गई थीं।