

कोलकाताः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पश्चिम बंगाल इकाई के अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने शुक्रवार को बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पड़ोसी देश में ‘घटनाक्रम के पीछे कट्टरपंथियों का हाथ है। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि स्थिति पर उनका नियंत्रण है।
भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार और विदेश मंत्रालय स्थिति से उचित ढंग से निपट रहे हैं तथा वे उसी अनुरूप जवाब देंगे।
बांग्लादेश में कट्टरपंथ कर रहा हदें पार
राज्यसभा सदस्य ने संवाददाता सम्मेलन में बांग्लादेश की स्थिति से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा, “बांग्लादेश में कट्टरपंथ और चरमपंथ कैंसर की तरह फैल रहा है। सभी सही सोच वाले लोगों को इस खतरे से लड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए।” उन्होंने कहा,“1980 के दशक से ही बांग्लादेश में कट्टरपंथी ताकतें अपनी जड़ें फैला रही हैं। यह हदें पार कर चुकी हैं। जैसा कि कल रात देखा गया, स्वतंत्र विचारक और उदारवादी व्यक्ति भी हमलों का शिकार हो रहे हैं। पूरी दुनिया कट्टरपंथ का खामियाजा भुगत रही है। एक राष्ट्रवादी सरकार और पार्टी ही इन चुनौतियों का सामना कर सकती है।”
उस्मान हादी की मौत के बाद हिंसा
जुलाई विद्रोह के प्रमुख नेता शरीफ उस्मान हादी की मृत्यु के बाद शुक्रवार को बांग्लादेश में तनाव फैल गया, जिस वजह से देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन, हिंसा और तोड़फोड़ हुई। हालांकि, सुबह हिंसा की कोई घटना सामने नहीं आई लेकिन प्रदर्शनकारियों को बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान के आवास, 32 धानमंडी की पहले से ही ध्वस्त इमारत में तोड़फोड़ करते देखा गया। मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस द्वारा राष्ट्र को संबोधित एक टेलीविजन भाषण में इंकलाब मंच के नेता हादी की मौत की पुष्टि किये जाने के बाद बृहस्पतिवार रात को चटगांव स्थित भारतीय सहायक उच्चायुक्त के आवास पर पथराव सहित देश के विभिन्न हिस्से हमलों और तोड़फोड़ की घटनाओं से दहल गए।
बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा से चिंता
इधर बीजेपी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक्स पर लिखा-बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास नाम के एक हिंदू युवक को कथित ईशनिंदा के आरोप में इस्लामवादियों ने बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला। उसे मारने के बाद, उसके शव को एक पेड़ से लटका दिया गया और आग लगा दी गई। यह भयानक घटना उस क्रूर सच्चाई को सामने लाती है कि जब इस्लामिक चरमपंथ पर कोई रोक नहीं लगती और अल्पसंख्यकों से सुरक्षा छीन ली जाती है, तो क्या होता है।