

नामरूपः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को असम के डिब्रूगढ़ जिले में 10,601 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले ‘ब्राउनफील्ड अमोनिया-यूरिया संयंत्र’ की आधारशिला रखी। असम वैली फर्टिलाइजर एंड केमिकल कंपनी लिमिटेड (एवीएफसीसीएल) की वार्षिक यूरिया उत्पादन क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन होगी और इसका संचालन 2030 में शुरू होने की उम्मीद है।
मोदी ने अपने दो दिवसीय असम दौरे के अंतिम दिन यहां ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉर्प लिमिटेड (बीवीएफसीएल) के मौजूदा परिसर में संयंत्र की आधारशिला रखी। इस वर्ष जुलाई में, डिब्रूगढ़ जिले के नामरूप में एवीएफसीसीएल को पंजीकृत किया गया था। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने परियोजना को इस साल मार्च में मंजूरी दी थी।
वार्षिक यूरिया उत्पादन क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन
एवीएफसीसीएल असम सरकार, ऑइल इंडिया, नेशनल फर्टिलाइजर्स लिमिटेड (एनएफएल), हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (एचयूआरएल) और बीवीएफसीएल का एक संयुक्त उपक्रम है। मोदी शनिवार को असम के दो दिवसीय दौरे पर आए थे। इस दौरान उन्होंने अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले 15,600 करोड़ रुपये की कई परियोजनाओं की शुरुआत की। कंपनी ने एक बयान में कहा, "एवीएफसीसीएल नामरूप अमोनिया-यूरिया संयंत्र को एक आधुनिक, कम ऊर्जा खपत वाले, विश्वस्तरीय उर्वरक परिसर के रूप में स्थापित किया जा रहा है, जिसकी वार्षिक यूरिया उत्पादन क्षमता 12.7 लाख मीट्रिक टन होगी। इस परियोजना में अनुमानित निवेश 10,601 करोड़ रुपये होगा।”
कंपनी ने कहा कि यह संयंत्र असम, पूर्वोत्तर क्षेत्र, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश की उर्वरक आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
कारखाने में मिलेगा हजारों को रोजगार
एवीएफसीसीएल ने कहा, "उर्वरक सुरक्षा के अलावा उम्मीद है कि यह संयंत्र औद्योगिक विकास, रोजगार सृजन और क्षेत्रीय आर्थिक विकास के लिए एक प्रमुख उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा, जिससे सैकड़ों प्रत्यक्ष नौकरियां और अप्रत्यक्ष रोजगार के हजारों अवसर सृजित होंगे।” 'भूमि पूजन' समारोह में असम के राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य, मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा, अन्य मंत्री, सांसद, विधायक, वरिष्ठ अधिकारी आदि शामिल हुए। राज्य-संचालित बीवीएफसीएल पूर्वी भारत में यूरिया बनाने वाली एकमात्र इकाई है। इस इकाई ने जनवरी 1969 में उत्पादन शुरू किया था।