प्रधानमंत्री ने 15वीं सदी के दार्शनिक कनकदास को श्रद्धांजलि अर्पित की

मंडप में कनकदास को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मोदी श्रीकृष्ण मंदिर परिसर की ओर रवाना हुए, जहां पर्याय पुथिगे मठ के सुगुनेन्द्र तीर्थ, मठ के दीवान और मंदिर के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पारंपरिक रूप से प्रधानमंत्री का स्वागत किया गया।
प्रधानमंत्री ने 15वीं सदी के दार्शनिक कनकदास को श्रद्धांजलि अर्पित की
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उडुपी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कर्नाटक के उडुपी में ऐतिहासिक कनक मंडप का दौरा किया और 14वीं-15वीं शताब्दी के संत-दार्शनिक एवं कीर्तनकर कनकदास को पुष्पांजलि अर्पित की। उडुपी श्री कृष्ण मंदिर में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति के पश्चिम की ओर मुड़ने की पौराणिक घटना का श्रेय कनकदास को दिया जाता है।

मोदी यहां से श्रीकृष्ण मंदिर परिसर की ओर निकले

मंडप में कनकदास को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद मोदी श्रीकृष्ण मंदिर परिसर की ओर रवाना हुए, जहां पर्याय पुथिगे मठ के सुगुनेन्द्र तीर्थ, मठ के दीवान और मंदिर के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा पारंपरिक रूप से प्रधानमंत्री का स्वागत किया गया। मोदी ने मंदिर के गर्भगृह परिसर में समय बिताया और कनकदास की भक्ति के महत्व तथा मंदिर से जुड़ी स्थायी सांस्कृतिक विरासत के बारे में जानकारी ली।

मोदी का भव्य स्वागत, दिए गए अनमोल उपहार

श्रीकृष्ण मठ परिसर में प्रवेश करते ही मोदी का पूर्ण कुंभ स्वागत (पारंपरिक सम्मान के साथ स्वागत) किया गया। उन्हें चांदी से सुसज्जित तुलसी जप माला और शंख, चक्र, गदा और पद्म युक्त मुद्राएं भेंट की गईं। दक्षिण भारत में माधव और अधिकांश ब्राह्मण समुदाय अपने दैनिक पूजा अनुष्ठानों के लिए इनका उपयोग करते हैं।

यह मोदी का उडुपी का तीसरा और श्री कृष्ण मठ का दूसरा दौरा है। मोदी ने पहली बार 1993 में उडुपी की यात्रा की थी और उसके बाद वह 2008 में गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उडुपी पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने श्रीकृष्ण मंदिर का दौरा किया था।

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