नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी जापान की यात्रा पूरी करने के बाद चीन की दो दिवसीय यात्रा पर शनिवार को तियानजिन पहुंचे। सात साल से अधिक समय के बाद चीन की उनकी यह पहली यात्रा है, जो ऐसे समय में हो रही है। जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ नीति को लेकर भारत और अमेरिका के संबंधों में तेजी से गिरावट आई है।
मोदी मुख्य रूप से शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के 31 अगस्त और एक सितंबर को आयोजित होने वाले 25वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए चीन में हैं। हालांकि, उनके रविवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ द्विपक्षीय बैठक करने का भी कार्यक्रम है। साथ ही वे रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे।
मोदी का जोरदार स्वागत
पीएम मोदी की यह यात्रा 2020 के गलवान घाटी संघर्ष के बाद पहली चीन यात्रा है और इसे भारत-चीन संबंधों में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। यह दौरा 1 सितंबर तक चलेगा और इसमें क्षेत्रीय सुरक्षा, आतंकवाद विरोधी सहयोग, और व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा होगी।
पीएम मोदी का तियानजिन शहर पहुंचने पर रेड कारपेट बिछाकर भव्य स्वागत किया गया। उनके स्वागत में चीन की महिला कलाकार नृत्य करती नजर आईं। चीन पहुंचने पर मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा - शंघाई सहयोग संगठन शिखर सम्मेलन के दौरान विभिन्न देशों के नेताओं के साथ गहन चर्चा और बैठकों की प्रतीक्षा में चीन के तियानजिन में पहुंचा।
यात्रा इसलिए है बेहद खास
पीएम मोदी ने इससे पहले 2018 में चीन की यात्रा की थी। यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और चीन गलवान घाटी में हुए सैन्य टकराव के बाद तनाव कम करने की दिशा में कदम उठा रहे हैं। पिछले साल अक्टूबर 2024 में रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मोदी और जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात ने दोनों देशों के बीच संबंधों में सुधार की नींव रखी थी।
विदेश मंत्रालय ने बताया कि सम्मेलन के दौरान मोदी जिनपिंग और व्लादिमीर पुतिन के अलावा कई नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें भी करेंगे। एससीओ का गठन 2001 में हुआ था और इसके 10 सदस्य देश हैं। तियानजिन में हो रहे इस शिखर सम्मेलन को अब तक का सबसे बड़ा एससीओ सम्मेलन माना जा रहा है। इसमें 20 से अधिक देशों के नेता और 10 अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुख हिस्सा लेंगे।