बांग्लादेशियों की तलाश में ‘ऑपरेशन टॉर्च’, नौकरी छोड़ भागे 160 रोहिंग्या-बांग्लादेशी

बांग्लादेशियों की तलाश में ‘ऑपरेशन टॉर्च’
प्रतीकात्मक तस्वीर
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लखनऊ : लखनऊ नगर निगम में सफाई कर्मचारियों के सत्यापन का मामला सामने आया है। सूत्रों के अनुसार, नगर निगम के निर्देश पर जब कर्मचारियों से पहचान संबंधी दस्तावेज मांगा गया तो लगभग160 कर्मचारी नहीं दे पाये और नौकरी छोड़कर चले गये। दरअसल, लखनऊ स्वच्छता अभियान प्राइवेट लिमिटेड ने इनसे NRC(राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) से जुड़े दस्तावेज मांगे थे।

घुसपैठियों के खिलाफ योगी सरकार

 उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के घुसपैठियों को बाहर करने के फरमान के बाद संदिग्ध बांग्लादेशियों की निगरानी तेज होने का असर दिखने लगा है। योगी आदित्यनाथ सरकार की सख्ती के बाद सफाई कार्य से जुड़े संदिग्ध बांग्लादेशियों से NRC (राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर) नंबर मांगा गया तो वे दे नहीं पाये। यह नंबर असम सरकार की तरफ से दिया गया है, जिसमें पूर्वजों तक का जिक्र है, जो साबित करता है कि वे बांग्लादेशी घुसपैठिए नहीं हैं।

संदिग्ध नागरिकों की पहचान

नगर निगम ने लखनऊ स्वच्छता अभियान प्राइवेट लिमिटेड (LSA) को निर्देश दिया था कि वह अपने यहां काम कर रहे कर्मचारियों में संदिग्ध रोहिंग्या और बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान करें। इसी के तहत LSA ने असम मूल के कर्मचारियों से NRC से जुड़े दस्तावेज और अन्य कर्मचारियों से आधार सहित पहचान पत्र जमा करने को कहा। सूत्रों के अनुसार, दस्तावेज मांगे जाने के बाद लगभग 160 कर्मचारियों ने नौकरी छोड़ दी। इसकी जानकारी LSA ने नगर निगम को भेज दी है।

काम छोड़कर भागे 35 लोग

 LSA संस्था शहर के पांच जोन में कूड़ा कलेक्शन और सफाई का काम करती है। यहां सफाई में करीब 1 हजार लोग और डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन में करीब 2,200 लोग कार्यरत हैं। दस्तावेज मांगने पर कूड़ा कलेक्शन में काम करने वाले करीब 125 कर्मचारी और सफाई कार्य में लगे लगभग 35 कर्मचारी दस्तावेज जमा किये बिना, काम छोड़कर चले गये।

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