

नई दिल्ली - बांग्लादेश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर छात्राओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ढाका विश्वविद्यालय में बड़ी संख्या में छात्राओं ने एकजुट होकर महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों के खिलाफ आवाज उठाई। हाल ही में आठ साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना ने पूरे देश में गुस्से की लहर फैला दी है। ढाका विश्वविद्यालय के महिला एवं लिंग अध्ययन विभाग की छात्रा जरीन रफीजा ने कहा कि वे महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा और दुष्कर्म के मामलों पर तुरंत कार्रवाई की मांग कर रही हैं। इस विरोध के चलते कई छात्राओं ने कक्षाओं और परीक्षाओं का बहिष्कार किया है, और सड़कों पर उनका प्रदर्शन जारी है।
फांसी की सजा देने की मांग की जा रही है
बांग्लादेश के पश्चिमी मगुरा जिले में दुष्कर्म की शिकार 8 साल की मासूम जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष कर रही है। उसकी हालत गंभीर होने के कारण उसे राजधानी ढाका के एक सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस भयावह घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया है। महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने दोषियों को बिना किसी देरी के फांसी की सजा देने की मांग की है।
कया कह रही हैं महिलाएं ?
रफीजा का कहना है कि महिलाएं लंबे समय से चुप थीं, लेकिन अब वे खामोश नहीं रहेंगी। उनका आरोप है कि सरकार हिंसा रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। केवल आश्वासनों से काम नहीं चलेगा, अब ईमानदारी से कार्रवाई की जरूरत है। वे तुरंत न्याय और बदलाव की मांग कर रही हैं, लेकिन मौजूदा हालात में उन्हें कोई उम्मीद नजर नहीं आ रही। बांग्लादेश में कई महिलाओं का दावा है कि पिछले साल सत्ता परिवर्तन के बाद देश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में बढ़ोतरी हुई है। इस पर रफीजा ने कहा कि कानून में सुधार की आवश्यकता है, साथ ही लोगों की मानसिकता भी बदलनी होगी। उन्होंने दुष्कर्म की परिभाषा में बदलाव की भी मांग की।