

कोलकाता : राज्य सरकार ने आखिरकार चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया लेकिन एफआईआर दर्ज नहीं की है। चुनाव आयोग के निर्देश पर मुख्य सचिव डॉ. मनोज पंत ने यह कार्रवाई की। इस संबंध में राज्य सरकार ने आखिरकार चुनाव आयोग को अपना जवाब सौंप दिया है। सूत्रों के अनुसार, चुनावी ड्यूटी में कथित लापरवाही और मतदाता सूची में गड़बड़ी के आरोप में चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। सूत्रों के अनुसार, मुख्य सचिव चारों अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही करेंगे। हालाँकि, अभी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है। बताया गया है कि विभागीय जांच चल रही है इसी कारण से एफआईआर दर्ज नहीं की गयी है।
क्या बढ़ सकता है विवाद ?
चुनाव आयोग ने 8 अगस्त को राज्य सरकार को पत्र लिखकर दो ईआरओ और दो असिस्टेंट ईआरओ तथा एक डेटा एंट्री ऑपरेटर के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश दिया था। आयोग ने स्पष्ट कहा था कि इन अधिकारियों को निलंबित कर विभागीय जांच शुरू की जाए और एफआईआर भी दर्ज हो। जवाबी पत्र में मनोज पंत ने कहा था कि चिन्हित अधिकारियों को निलंबित करना और उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करना अनुपातहीन रूप से कठोर कदम होगा, जिससे बंगाल के प्रशासनिक समुदाय का मनोबल गिर सकता है। इसके बाद चुनाव आयोग ने मुख्य सचिव को दिल्ली बुलाया था और एक सप्ताह के भीतर कदम उठाने के लिए कहा था। इसी अनुसार मुख्य सचिव ने चार अधिकारियों को निलंबित किया मगर एफआईआर दर्ज अभी नहीं की गयी है। ऐसे में प्रशासनिक स्तर पर आशंका व्यक्त की जा रही है कहीं यह विवाद बढ़ सकता है।