

नई दिल्लीः राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार को कैबिनेट मंत्रियों की अनुपस्थिति के कारण 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। कांग्रेस ने इस पर तीखा विरोध जताया और इसे सदन का अपमान बताया।
सदन की बैठक शुरू होने पर सभापति सीपी राधाकृष्णन ने 13 दिसम्बर 2001 के संसद हमले का जिक्र किया। हमले की 24वीं बरसी पर सदन में उन सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि दी गई जो हमले के दौरान आतंकवादियों का मुकाबला करते हुए शहीद हुए थे। शहीद सुरक्षाकर्मियों को श्रद्धांजलि देने के तुरंत बाद विपक्षी सांसदों ने यह मुद्दा उठाया कि सदन में कोई भी कैबिनेट मंत्री मौजूद नहीं है।
जयराम ने बताया सदन का अपमान
सभापति सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा कि वह इस बारे में सरकार से बात करेंगे। उन्होंने एक कनिष्ठ मंत्री से अनुरोध किया कि सदन में किसी कैबिनेट मंत्री की उपस्थिति सुनिश्चित कराई जाए। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच उन्होंने कहा, “मैं प्रक्रिया समझता हूं। मैंने मंत्री से अनुरोध किया है। किसी एक कैबिनेट मंत्री को आना चाहिए।” लेकिन विपक्षी सदस्य इससे संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने मांग की कि कैबिनेट मंत्री के आने तक सदन की कार्यवाही स्थगित की जाए। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, “यह सदन का अपमान है। कैबिनेट मंत्री के आने तक सदन को स्थगित करना होगा।”
सभापति ने पांच मिनट किया इंतजार
करीब पांच मिनट इंतजार के बाद, सभापति ने 11 बज कर पांच मिनट पर सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी। संक्षिप्त स्थगन के बाद 11 बज कर 15 मिनट पर सदन की बैठक पुनः शुरू होने पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में कैबिनेट मंत्रियों की अनुपस्थिति पर खेद व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि वह लोकसभा में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और पूर्व गृह मंत्री शिवराज पाटिल के निधन पर शोक व्यक्त करने के लिए उपस्थित थे। उन्होंने यह भी कहा कि सदन के नेता जे. पी. नड्डा के नाम से लोकसभा में प्रश्न सूचीबद्ध थे, इसलिए वह भी वहां मौजूद थे।
रीजीजू ने जताया खेद
रीजीजू ने कहा, “मुझे खेद है कि कोई कैबिनेट मंत्री मौजूद नहीं था।” कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि पाटिल राज्यसभा के भी पूर्व सदस्य थे और सदन को उनके निधन पर शोक व्यक्त करना चाहिए। रीजीजू ने कहा कि निधन कुछ समय पहले हुआ था, और सचिवालय शोक संदेश तैयार कर रहा है। “इस सदन में भी औपचारिक रूप से शोक व्यक्त किया जाएगा।”
सदन की कार्यवाही दोबारा शुरू होने पर रिजिजू और नड्डा के अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सहित अन्य मंत्री भी उपस्थित थे। सभापति ने शून्यकाल के आखिर में उपसभापति ने पाटिल के निधन का जिक्र किया और दिवंगत नेता के सम्मान में कुछ पलों का मौन रख कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।