क्या मैथिली ठाकुर के कारण फंस गई बीजेपी? खुद मैदान में उतरे अमित शाह-नीतीश कुमार

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पटना: दरभंगा जिले का अलीनगर विधानसभा क्षेत्र इस बार चर्चित लोकगायिका मैथिली ठाकुर के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) प्रत्याशी बनने से सुर्खियों में हैं। महागठबंधन के घटक राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने अपने पुराने उम्मीदवार विनोद मिश्रा पर भरोसा जताया है। विनोद स्थानीय हैं, जबकि मैथिली को बाहरी बताया जा रहा है। ऐसे में यह सीट स्थानीय बनाम बाहरी की जंग में तब्दील हो गई है।

मैथिली ठाकुर के नामांकन के बाद से ही कई विवाद भी जुड़े हैं, जिनमें प्रमुख ‘पाग प्रकरण’ है। दरअसल, मैथिली के प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश की विधायक केतकी सिंह ने मंच से मिथिला समाज के प्रतीक ‘पाग’ को हाथ में लेकर पूछा, यह क्या है? भीड़ ने जवाब दिया- मिथिला का सम्मान है। इस पर उन्होंने पाग को टेबल पर रख दिया और मैथिली ठाकुर की ओर इशारा करते हुए कहा कि नहीं, मिथिला का सम्मान यह नहीं, मिथिला का सम्मान ये हैं। इस बयान के बाद विवाद गहरा गया। इसके बाद मैथिली का एक वीडियो भी सामने आया जिसमें वे कथित तौर पर पाग में मखाना रखकर खा रही थीं। यह वीडियो घनश्यामपुर में प्रचार के दौरान का बताया गया।

‘ये मेरा ननिहाल है’

मामले के बढ़ने पर केतकी सिंह और भाजपा के केंद्रीय चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने माफी मांगी। वहीं मैथिली ने सफाई दी कि मेरे पाग में मखाना साजिशन रखकर मुझे फंसाया गया। मैथिली ठाकुर को स्थानीय लोगों के एक वर्ग से विरोध का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि, धीरे-धीरे भाजपा कार्यकर्ता उनके समर्थन में सक्रिय हो रहे हैं। बाहरी होने के आरोप पर मैथिली ने कहा कि मेरा मामा गांव अलीनगर विधानसभा क्षेत्र में ही है, मैं इस क्षेत्र की भगिनी हूं। भाजपा कैडर आधारित पार्टी है, सभी कार्यकर्ता एकजुट हैं। राजनीति नहीं, समाज सेवा मेरा उद्देश्य है।

अमित शाह को करनी पड़ा सभा

भाजपा के लिए यह सीट कितनी अहम है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस क्षेत्र के एक गांव में सभा करनी पड़ी। उत्तर प्रदेश से कई वरिष्ठ नेता प्रचार में जुटे हैं और केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान खुद नजर रख रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी रोड शो किया है। राजद प्रत्याशी विनोद मिश्रा ने कहा कि अलीनगर की जनता बाहरी प्रतिनिधि का दर्द पहले झेल चुकी है। इस बार लोग क्षेत्र के बेटे को ही विधायक बनाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि मैथिली अच्छी गायिका हैं, लेकिन राजनीति का ककहरा अभी उन्हें पढ़ना है।

इलाके में मैथिली को लेकर मिली-जुली प्रतिक्रिया

वहीं क्षेत्र की जनता में मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। घनश्यामपुर निवासी सुबोध कुमार का कहना है कि पार्टी ने स्थानीय कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर बाहरी उम्मीदवार थोप दी है। जबकि अलीनगर के सरफराज ने कहा कि मैथिली भले लोकप्रिय गायिका हैं, लेकिन राजनीति का अनुभव नहीं रखतीं और हमारे क्षेत्र से नहीं हैं। भाजपा कार्यकर्ता कौशल चौधरी का मानना है कि मैथिली ठाकुर की लोकप्रियता और स्वच्छ छवि से पार्टी को फायदा मिलेगा, कार्यकर्ता उन्हें जिताने के लिए पूरा प्रयास करेंगे।

क्या है इस क्षेत्र का जातीय समीकरण

दरभंगा से करीब 50 किलोमीटर दूर स्थित अलीनगर विधानसभा क्षेत्र का पूर्वी भाग कमला और कोशी नदियों से घिरा बाढ़ प्रभावित इलाका है। यह सामान्य श्रेणी की सीट दरभंगा लोकसभा क्षेत्र का हिस्सा है, जिसमें अलीनगर, ताड़डीह और घनश्यामपुर प्रखंड शामिल हैं। परिसीमन आयोग की सिफारिश पर 2008 में गठित इस सीट पर 2010 में पहली बार चुनाव हुआ था। 2020 के विधानसभा चुनाव में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के मिश्री लाल यादव ने राजद के विनोद मिश्रा को 3,101 मतों से हराया था।

वहीं, 2015 में राजद के अब्दुल बारी सिद्दीकी ने भाजपा के मिश्री लाल यादव को 13,460 वोटों से हराया था। ब्राह्मण और मुस्लिम बहुल इस सीट पर कुल 2,84,519 मतदाता हैं, जिनमें 1,48,976 पुरुष और 1,35,519 महिला मतदाता शामिल हैं। इस सीट पर छह नवंबर को चुनाव होना है। बिहार में विधानसभा की 243 सीटों पर दो चरणों में छह और 11 नवंबर को मतदान होगा। मतगणना 14 नवंबर को होगी।

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