
केडी पार्थ
कोलकाता . पश्चिम बंगाल पर्यावरण विभाग की मंत्री रत्ना दे नाग ने बताया कि राज्य के विभिन्न नगर निगमों और नगरपालिकाओं के डंपिंग ग्राउंड में कचरे के प्रसंस्करण को लेकर किसी तरह की कोई समस्या नहीं है। सभी जगह कानून के तहत कचरों का प्रसंस्करण किया जाता है। जिस कारण राज्य में जल और वायु प्रदूषण को लेकर कोई परेशानी या समस्या नहीं है।
उनसे सवाल किया गया था कि क्या यह सच है कि राज्य के हर शहर और जिले में कचरा डंपिंग ग्राउंड में आग लगने के कारण वायु और जल प्रदूषित हो रहे हैं? यदि हां, तो विभाग ने उक्त प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए हैं। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य की सभी नगर पालिकाओं और नगर निगमों में से कोलकाता नगर निगम के धापा, बर्दवान शहर, सिलीगुड़ी, आसनसोल और हावड़ा शहर के डंपिंग ग्राउंड में बड़ी मात्रा में अपशिष्ट का प्रसंस्करण होता हैं।
इन सभी डंपिंग ग्राउंड में डंपिंग पद्धति में किसी भी कानूनी उल्लंघन का कोई मामला सामने नहीं है। वर्तमान में इन डंपिंग ग्राउंड में कचरे के प्रसंस्करण के लिए सरकार के पास कोई समस्या नहीं है। उन्होंने कहा कि राज्य की सभी नगर पालिकाएं और नगर निगम कचरा प्रबंधन के लिए बड़ी मात्रा में कचरे को विशिष्ट डंपिंग ग्राउंड में जमा करते हैं।
उन सभी अपशिष्ट पदार्थों के प्राकृतिक प्रक्रिया यानी जीवाणु अपघटन के कारण मीथेन गैस उत्पन्न होती है जिससे कभी-कभी आग लग सकती है। इससे वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण हो सकते हैं। केंद्र सरकार के अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियम 2016 के अनुसार, राज्य की सभी नगर पालिकाएं और नगर निगम इन सभी डंपिंग ग्राउंड में आग बुझाने के लिए पानी छिड़काव का उपयोग करते हैं। राज्य सरकार ने आगजनी की घटना और प्रदूषण को रोकने के लिए कदम उठाए हैं।