जान्कोविच ने दार्जिलिंग में स्वच्छता अभियान को दी नयी पहचान

सर्बियन एक्टिविस्ट से दार्जिलिंग स्वच्छता मुहिम को बढ़ावा
लाजर जान्कोविच (L)
लाजर जान्कोविच (L)
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कोलकाता: दार्जिलिंग की ठंडी हवा, चाय बागानों की खुशबू और पहाड़ों की शांति, इन सबके बीच एक अलग तरह का दृश्य देखने को मिला। हाथों में कचरा बैग, दस्ताने और चेहरे पर मुस्कान लिये एक सर्बियाई युवक स्थानीय युवाओं के साथ सड़क किनारे कचरा उठा रहा था। उसका नाम है लाजर जान्कोविच। एक ऐसा नाम जो भारत में स्वच्छता को लेकर नागरिक जिम्मेदारी की नयी चर्चा खड़ी कर रहा है।

एक मॉडल के रूप में जान्कोविच 2018 में भारत आए थे लेकिन समय के साथ उनका जुनून फैशन रनवे से हटकर सड़कों की सफाई पर टिक गया। बंगलुरु की गलियों से शुरू हुई उनकी प्लॉगिंग मुहिम बाद में तमिलनाडु, गुरुग्राम और ऋषिकेश जैसे शहरों तक फैल गई। वह जहाँ रहते हैं, वहाँ कचरा उठाना उनकी रोजमर्रा की आदत बन चुकी है। उनकी एक पंक्ति आज सोशल मीडिया से लेकर आम लोगों की बातचीत तक सुनाई देती है: “यह मत पूछिए कि मैं क्यों साफ कर रहा हूँ—पूछिए आप क्यों नहीं?”

इस बार वह पहुंचे हैं दार्जिलिंग, एक ऐसा शहर जो पर्यटन के साथ-साथ कचरा प्रबंधन की चुनौती भी झेल रहा है। ‘क्वीन ऑफ द हिल्स’ के रूप में पहचाना जाने वाला यह शहर आज फिर से अपने सौंदर्य की रक्षा के लिए सामुदायिक प्रयासों की जरूरत महसूस कर रहा है। और यही कारण है कि जान्कोविच की उपस्थिति यहां खास महत्व रखती है।

'मेरो दार्जिलिंग' अभियान के साथ आज प्लॉगिंग ड्राइव में न सिर्फ उन्हें, बल्कि फेमिना मिस इंडिया 2023, सिक्किम फाइनलिस्ट ज़ान्वी शर्मा, नगरपालिका अध्यक्ष दिपेन ठाकुरी, दार्जिलिंग पुलिस और कई युवा समूहों ने हिस्सा लिया। अभियान संयोजक विक्रम राय कहते हैं, यदि एक अकेला व्यक्ति लोगों की सोच बदल सकता है, तो पूरा शहर मिलकर इतिहास रच सकता है।

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