

नई दिल्लीः बड़ी संख्या में इंडिगो की उड़ानों के रद्द होने के कारण यात्रियों को हुई परेशानी के मामले में एक संसदीय समिति निजी विमानन कंपनी के शीर्ष अधिकारियों और नागर विमानन नियामक को तलब कर सकती है।
जनता दल-यूनाइटेड (जद-यू) नेता संजय झा की अध्यक्षता वाली परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर संसदीय स्थायी समिति, विमानन कंपनी के शीर्ष अधिकारियों और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) तथा नागर विमानन मंत्रालय के अधिकारियों से हवाई सेवाओं में व्यवधान के कारणों और उसके समाधानों पर स्पष्टीकरण मांग सकती है।
माकपा ने न्यायिक जांच की मांग की
समिति के एक सदस्य ने बताया कि हवाई सेवाओं में व्यवधान के कारण हजारों यात्रियों को हो रही परेशानियों को समिति ने गंभीरता से लिया है। एक सदस्य ने कहा कि शीतकालीन सत्र के लिए राष्ट्रीय राजधानी में मौजूद सांसदों को भी इंडिगो द्वारा उड़ानें रद्द किए जाने और अन्य एयरलाइनों द्वारा देरी किए जाने का खामियाजा भुगतना पड़ा। कई सांसदों को लोगों से शिकायतें भी मिलीं कि इस स्थिति के कारण हवाई किराये में काफी बढ़ोतरी हो गई है।
इस बीच, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के राज्यसभा सदस्य जॉन ब्रिटास ने उड़ानों में बड़े पैमाने पर व्यवधान की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति गठित करने या न्यायिक जांच कराने की मांग की। ब्रिटास परिवहन संबंधी स्थायी समिति के सदस्य नहीं हैं।
डीजीसीए ने जारी किया कारण बताओ नोटिस
इंडिगो वर्तमान में अपनी 2,300 दैनिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में से 1,650 उड़ानों का संचालन कर रही है, जबकि 650 उड़ानें रद्द कर दी गई हैं। डीजीसीए ने शनिवार को इंडिगो के मुख्य कार्यकारी अधिकारी पीटर एल्बर्स और मुख्य परिचालन अधिकारी व जिम्मेदार प्रबंधक इसिद्रो पोरकेरस को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी कर उड़ानों में भारी व्यवधान के लिए 24 घंटे के भीतर स्पष्टीकरण मांगा। इंडिगो ने रविवार को एक बयान में कहा कि इसकी मूल कंपनी ‘इंटरग्लोब एविएशन’ की बोर्ड ने एक संकट प्रबंधन समूह का गठन किया है, जो स्थिति की निगरानी के लिए नियमित बैठकें कर रहा है। कंपनी ने कहा कि उसका निदेशक मंडल अपने ग्राहकों की समस्याओं का समाधान करने और टिकट की राशि वापस करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है।