

नई दिल्लीः देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो ने अपने अब तक के सबसे बड़े परिचालन संकट के कारण सैकड़ों उड़ानों को रद्द कर दिया। नए नियमों के तहत पायलटों की ड्यूटी समय सीमा में बदलाव और इंडिगो के ''लीन-स्टाफिंग'' मॉडल ने मिलकर संकट को जन्म दिया।
नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने उड़ान ड्यूटी समय-सीमा (एफडीटीएल) नियमों में बदलाव किए। नए नियमों के तहत पायलटों का साप्ताहिक आराम 36 घंटे से बढ़ाकर 48 घंटे किया गया, रात में उड़ानों की संख्या सीमित की गई, और लगातार रात की ड्यूटी को केवल दो तक सीमित किया गया। इससे प्रत्येक पायलट द्वारा संचालित उड़ानों की संख्या में काफी कमी आई।
पायलटों की कमी से समस्या गहराई
इंडिगो ने अपने एयरबस ए320 बेड़े के लिए 2,422 कप्तानों की आवश्यकता बताई थी, लेकिन केवल 2,357 कप्तान उपलब्ध थे और 'फर्स्ट ऑफिसर्स' में भी कमी थी। इसके साथ ही एयरलाइन का उच्च विमान उपयोग और रात की उड़ानों पर निर्भरता वाला मॉडल काम नहीं आया, जिसके कारण दो दिसंबर से बड़े पैमाने पर उड़ान रद्द होने लगीं। रविवार को 2,300 में 650 उड़ानें रद्द की गईं।
दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और हैदराबाद जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर यात्रियों की लंबी कतारें, खोया हुआ सामान और परेशान यात्री देखने को मिले। कई यात्रियों की महत्वपूर्ण बैठकें, साक्षात्कार और शादी समारोह छूट गए। इंडिगो ने तीन दिसंबर को समस्याओं की पुष्टि की और इसके लिए तकनीकी गड़बड़ी, मौसम, सर्दियों का शेड्यूल और नए क्रू नियमों को जिम्मेदार ठहराया। एयरलाइन ने यात्रियों को पूरा रिफंड, शुल्क माफ करने और वैकल्पिक व्यवस्था की पेशकश की।
सरकार ने किराया की सीमा तय की
इंडिगो के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) पीटर एल्बर्स ने पांच दिसंबर को माफी मांगी और 10-15 दिसंबर तक पूर्ण परिचालन बहाल करने का वादा किया। डीजीसीए ने पांच दिसंबर को इंडिगो के ए320 बेड़े को रात की उड़ानों और लैंडिंग में अस्थायी छूट दी, जबकि औपचारिक जांच भी शुरू की। डीजीसीए ने एयरलाइन को पायलट ड्यूटी और कर्मचारी व्यवस्थापन में सुधार पर रिपोर्ट देने को कहा। संकट के कारण घरेलू हवाई किराए में वृद्धि हुई। उदाहरण के लिए, दिल्ली-बेंगलुरु उड़ान के लिए सबसे सस्ता किराया 40,000 रुपये से ऊपर चला गया।
सरकार ने छह दिसंबर को सभी एयरलाइन के लिए किराए की सीमा तय कर दी। इंडिगो ने संकट प्रबंधन समिति का का गठन किया है, जिसमें बोर्ड के सदस्य और सीईओ शामिल हैं, जो नियमित रूप से स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और परिचालन बहाली की निगरानी कर रहे हैं।