

नई दिल्लीः हैदराबाद हाउस में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन जब 23वीं शिखर वार्ता के लिए मिले तो दोनों नेताओं में पूर्व की भांति ही गर्मजोशी दिखायी दी। बैठक स्थल पर खुशनुमा माहौल रहा जबकि दोनों देश अमेरिका से काफी दबाव झेल रहे हैं। लेकिन दोनों नेताओं ने यह तय किया है कि अमेरिकी दबाव के बावजूद आपसी रिश्ते को और मजबूत करना है।
भारत और रूस ने अमेरिका द्वारा दंडात्मक शुल्क और प्रतिबंध लगाने से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए शुक्रवार को आर्थिक और व्यापारिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक पंचवर्षीय योजना पर सहमति बनायी है। वहीं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से कहा कि यूक्रेन में युद्ध को बातचीत के जरिए समाप्त किया जाना चाहिए।
शिखर वार्ता के बाद मोदी और पुतिन ने एकजुट होकर दोनों देशों के बीच आठ दशक से अधिक पुरानी साझेदारी को नयी गति प्रदान करने की अपनी इच्छा प्रदर्शित की। दोनों देशों ने 2030 के आर्थिक कार्यक्रम को अंतिम रूप देने के अलावा, स्वास्थ्य, गतिशीलता और लोगों के बीच आदान-प्रदान सहित कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
विश्व में उतार-चढ़ाव के बावजूद भारत-रूस संबंध गहराये
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त बैठक के बाद पुतिन की उपस्थिति में कहा कि पिछले आठ दशकों में विश्व में अनेक उतार चढ़ाव आए हैं। मानवता को अनेक चुनौतियों और संकटों से गुजरना पड़ा है। और इन सबके बीच भी भारत–रूस मित्रता एक ध्रुव तारे की तरह बनी रही है। परस्पर सम्मान और गहरे विश्वास पर टिके ये संबंध समय की कसौटी पर हमेशा खरे उतरे हैं।
पुतिन की प्रशंसा करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले ढाई दशक से उन्होंने अपने नेतृत्व और दूरदृष्टि से इन संबंधों को निरंतर सींचा है। हर परिस्थिति में, उनके नेतृत्व ने आपसी संबंधों को नई ऊंचाई दी है। भारत के प्रति इस गहरी मित्रता और अटूट प्रतिबद्धता के लिए मैं अपने मित्र राष्ट्रपति पुतिन का हृदय से आभार व्यक्त करता हूं।
आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ाई
पीएम मोदी ने इस मौके पर आतंकवाद की खास कर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में भारत और रूस ने लंबे समय से कंधे से कंधा मिलाकर सहयोग किया है। पहलगाम में हुआ आतंकी हमला हो या क्रोकस सिटी हॉल पर किया गया कायरतापूर्ण आघात, इन सभी घटनाओं की जड़ एक ही है। भारत का अटल विश्वास है कि आतंकवाद मानवता के मूल्यों पर सीधा प्रहार है और इसके विरुद्ध वैश्विक एकता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।
उन्होंने कहा क क्रिटिकल मिनरर्लस में हमारा सहयोग पूरे विश्व में सुरक्षित और विविधापूर्ण सप्लाई चैन सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। इससे क्लिन इनर्जी, हाईटेक मैनुफैक्चरिंग, और न्यूज एज इंडस्ट्रीज में हमारी साझेदारी को ठोस समर्थन मिलेगा।
द्विपक्षीय संबंध नये दौर में
अपने संंबोधन के आरंभ में प्रधानमंत्री ने कहा कि आज भारत और रूस के 23वें शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। उनकी यात्रा ऐसे समय पर हो रही है, जब हमारे द्विपक्षीय संबंध कई ऐतिहासिक मिल के पत्थर के दौर से गुजर रहे हैं। ठीक 25 वर्ष पहले राष्ट्रपति पुतिन में हमारी रणनीतिक साझेदारी की नींव रखी थी। 15 वर्ष पहले 2010 में हमारी साझेदारी को विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का दर्जा मिला।
पुतिन ने द्विपक्षीय व्यापार 100 अरब डॉलर लेने की बात कही
पुतिन ने अपने संबोधन में कहा कि दोनों पक्षों ने सुरक्षा, अर्थव्यवस्था, व्यापार और संस्कृति के क्षेत्रों में सहयोग को प्राथमिकता देने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि हम वार्षिक द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाकर 100 अरब अमेरिकी डॉलर तक ले जाने की संभावनाओं पर काम कर रहे हैं। पुतिन ने कहा कि रूस भारत के साथ ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने पर भी विचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि उनका देश भारत को ईंधन की निर्बाध आपूर्ति के लिए तैयार है।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि हम छोटे ‘मॉड्यूलर’ परमाणु रिएक्टर और ‘फ्लोटिंग’ परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के निर्माण में सहयोग को लेकर भी बात कर सकते हैं। पुतिन ने कहा कि रूस, भारत और अन्य समान विचारधारा वाले राष्ट्र एक न्यायसंगत और बहुध्रुवीय विश्व की दिशा में काम कर रहे हैं।