भविष्य के युद्ध की तैयारियों में लगा भारत, 79,000 करोड़ के सैन्य उपकरणों की खरीद की मंजूरी

रक्षा मंत्रालय ने 79,000 करोड़ रुपये मूल्य के लंबी दूरी के रॉकेट, मिसाइल, रडार प्रणाली और अन्य सैन्य उपकरणों की खरीद को मंजूरी प्रदान कर दी।
भविष्य के युद्ध की तैयारियों में लगा भारत, 79,000 करोड़ के सैन्य उपकरणों की खरीद की मंजूरी
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नई दिल्लीः पिछले मई में पाकिस्तान के साथ चार दिनों के संक्षिप्त युद्ध के बाद भारत ने अपनी सेना की मजूबती पर गंभीरता से ध्यान देना शुरू किया और युद्ध साजो-सामान की आपूर्ति को बढ़ाना शुरू कर दिया है। इस दिशा में सोमवार को केंद्र सरकार के रक्षा मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला किया और सेना की युद्ध क्षमता को मजबूत करने के लिए 79,000 करोड़ रुपये मूल्य के लंबी दूरी के रॉकेट, मिसाइल, रडार प्रणाली और अन्य सैन्य उपकरणों की खरीद को मंजूरी प्रदान कर दी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा खरीद परिषद (डीएसी) ने प्रस्तावों को हरी झंडी दे दी।

भारत के इस फैसले को भविष्य में पाकिस्तान या चीन के साथ किसी युद्ध की तैयारियों के तौर पर देखा जा रहा है। खास कर माना जा रहा है कि भविष्य में भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़ा युद्ध संभव है।

फैसले के मुताबिक डीएसी ने सेना की तोपखाना रेजिमेंटों के लिए ‘लोइटर म्यूनिशन’ प्रणाली की खरीद को मंजूरी दे दी। ‘लोइटर म्यूनिशन’ ऐसे हवाई अस्त्र होते हैं जो किसी लक्ष्य क्षेत्र के आसपास तब तक मंडराते रहते हैं जब तक कि लक्ष्य का पता न चल जाए, और फिर उससे टकराकर हमला करते हैं। इसे आत्मघाती ड्रोन या विस्फोटक ड्रोन भी कहा जाता है।

भारतीय सेना के लिए हल्के रडार की होगी खरीद

रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इसके अलावा भारतीय सेना के लिए हल्के रडार, पिनाका रॉकेट प्रणाली के लिए लंबी दूरी के निर्देशित रॉकेट सामग्री और एकीकृत ड्रोन पहचान एवं अवरोधन प्रणाली (एमके-2) की खरीद को भी मंजूरी दी गई है। इसने कहा कि सामरिक लक्ष्यों पर सटीक हमले के लिए ‘लोइटर म्यूनिशन’ का इस्तेमाल किया जाएगा, जबकि हल्के रडार छोटे आकार की और कम ऊंचाई पर उड़ने वाली मानवरहित हवाई प्रणालियों का पता लगाएंगे और उन पर नज़र रखेंगे।

लंबी दूरी वाले रॉकेटों की खरीद

बयान में कहा गया कि लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से भेदने के लिए पिनाका रॉकेट प्रणालियों की मारक क्षमता और सटीकता को बढ़ाने के वास्ते लंबी दूरी के दिशा निर्देशित रॉकेटों की खरीद की जा रही है। उन्नत रेंज वाली एकीकृत ड्रोन पहचान और अवरोधन प्रणाली (एमके-2) सामरिक युद्ध क्षेत्र तथा भीतरी इलाकों में भारतीय सेना की महत्वपूर्ण संपत्तियों की रक्षा करेगी। इसके साथ ही भारतीय नौसेना के लिए, उच्च आवृत्ति सॉफ्टवेयर रेडियो (एचएफ एसडीआर) मैनपैक की खरीद और उच्च ऊंचाई तथा लंबी दूरी वाली तथा दूर से संचालित विमान प्रणाली (आरपीएएस) को पट्टे पर लेने की मंजूरी दी गई। मंत्रालय ने कहा कि हिंद महासागर क्षेत्र में निरंतर खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही अभियानों के लिए अनिर्दिष्ट संख्या में आरपीएएस पट्टे पर ली जा रही हैं।

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वायुसेना के लिए कई मिसाइलों की खरीद

बयान में कहा गया कि कि भारतीय वायुसेना के लिए स्वचालित ‘टेक-ऑफ लैंडिंग’ रिकॉर्डिंग प्रणाली, अस्त्र एमके-2 मिसाइल, पूर्ण मिशन सिमुलेटर और लंबी दूरी के दिशा निर्देशन वाली स्पाइस-1000 किट आदि की खरीद को मंजूरी दी गई है।

मंत्रालय ने कहा कि उन्नत रेंज वाली अस्त्र एमके-2 मिसाइल लड़ाकू विमानों की क्षमता को बढ़ाएंगी, जिससे वे लंबी दूरी से दुश्मन के विमानों को गिरा सकेंगे। मंत्रालय के अनुसार, हल्के लड़ाकू विमान तेजस के लिए पूर्ण मिशन सिमुलेटर पायलटों के प्रशिक्षण को किफायती और सुरक्षित बनाएगा, जबकि स्पाइस-1000 भारतीय वायुसेना की लंबी दूरी की सटीक मारक क्षमता को बढ़ाएगी।

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