Independence Day 2025: PM Modi ने लगातार 12वीं बार भाषण देकर तोड़ा इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड

pm_modi
Published on

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को लगातार 12वीं बार लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित कर इंदिरा गांधी का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। इस मामले में अब वह केवल जवाहरलाल नेहरू से पीछे हैं, जिन्होंने लगातार 17 बार यह संबोधन दिया था।

इंदिरा गांधी जनवरी 1966 से मार्च 1977 तक और फिर जनवरी 1980 से अक्टूबर 1984 तक प्रधानमंत्री पद पर रहीं। अक्टूबर 1984 में उनकी हत्या कर दी गई थी। उन्होंने कुल 16 बार, 15 अगस्त को प्रधानमंत्री के रूप में राष्ट्र को संबोधित था, जिनमें से 11 संबोधन लगातार थे।

सबसे ज्यादा नेहरू ने दिया संबोधन

भारत के सबसे लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे जवाहरलाल नेहरू (1947-63) ने 17 बार राष्ट्र को संबोधित किया। देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने 1964 और 1965 में लाल किले की प्राचीर से स्वतंत्रता दिवस पर संबोधन दिया था। आपातकाल के बाद मोरारजी देसाई ने दो बार प्रधानमंत्री के रूप में संबोधन दिया। चौधरी चरण सिंह ने 1979 में केवल एक बार प्रधानमंत्री के रूप में संबोधन दिया।

इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी ने लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री के रूप में पांच बार संबोधन दिया। वीपी सिंह ने 1990 में केवल एक बार स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्र को संबोधित किया। पीवी नरसिम्हा राव ने 1991 से 1995 तक लगातार चार वर्षों तक लाल किले से संबोधन दिया। एचडी देवगौड़ा और इंदर कुमार गुजराल ने क्रमशः 1996 और 1997 में एक-एक बार संबोधन दिया।

अटल बिहारी ने 6 बार दिया संबोधन

मार्च 1998 से मई 2004 तक प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने छह बार स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से राष्ट्र के नाम संबोधन दिया। मनमोहन सिंह ने 2004 से 2014 तक लगातार 10 वर्षों तक यह संबोधन दिया।

पिछले वर्ष, प्रधानमंत्री मोदी ने अपने पूर्ववर्ती मनमोहन सिंह का रिकॉर्ड तोड़ते हुए लगातार 11वीं बार लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रीय ध्वज फहराया था। उन्होंने पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर अब तक का सबसे लंबा 98 मिनट का संबोधन भी दिया था।

मोदी के 15 अगस्त के संबोधन प्रायः देश के मौजूदा अहम मुद्दों और उनके नेतृत्व में हुई प्रगति पर केंद्रित होते हैं, जिनमें वह नीति पहल और नयी योजनाओं की घोषणाएं भी करते हैं। उन्होंने 15 अगस्त 2024 को दिए गए अपने संबोधन में ‘धर्मनिरपेक्ष’ समान नागरिक संहिता की वकालत की और एक साथ चुनाव कराने का भी समर्थन किया था।

संबंधित समाचार

No stories found.

कोलकाता सिटी

No stories found.

खेल

No stories found.
logo
Sanmarg Hindi daily
sanmarg.in