

बीजिंग : चीन ने उन देशों को सीधी चेतावनी दी है, जो अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने की सोच रहे हैं। चीन का कहना है कि ऐसे समझौतों से बीजिंग को नुकसान हो सकता है। यह चेतावनी सोमवार को आई। खबरों के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका दूसरे देशों को चीन के साथ व्यापार कम करने के बदले में टैरिफ में छूट दे सकता है।
चीन के वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि वह सभी पक्षों का सम्मान करता है कि वे अमेरिका के साथ बराबरी के आधार पर बातचीत कर अपने आर्थिक और व्यापारिक मतभेदों को सुलझाएं। लेकिन चीन ने यह साफ कर दिया कि अगर ऐसे समझौते से उसे नुकसान होता है तो वह चुप नहीं रहेगा। चीन के मंत्रालय ने कहा कि चीन किसी भी ऐसे समझौते को कभी स्वीकार नहीं करेगा जो चीन की कीमत पर हो। मंत्रालय ने कहा कि अगर ऐसा कोई समझौता किया जाता है, तो चीन इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा और इसका दृढ़ता से और उसी तरह से जवाब देगा। इसका तात्पर्य यह है कि चीन भी वैसे ही कदम उठाएगा जैसे अमेरिका ने उठाए हैं। यह प्रतिक्रिया ट्रंप की उन कोशिशों के बाद आई है, जिसमें वे चीन के साथ व्यापारिक रिश्ते कम करने वाले देशों को प्रोत्साहन देकर वैश्विक व्यापार संबंधों को फिर से बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
चीन इसे आर्थिक दबाव का एक तरीका मान रहा है। वहीं, बीजिंग ने उन सरकारों की भी आलोचना की, जो अमेरिका की मांगों के सामने झुक सकती हैं। चीन के वाणिज्य मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा कि चापलूसी से शांति नहीं मिलेगी और समझौते का सम्मान नहीं किया जाएगा। उन्होंने इसे अमेरिका के दबाव के आगे नासमझी से झुकना बताया। चीन का मानना है कि सभी पक्षों को टैरिफ के मुद्दे पर निष्पक्षता और न्याय के साथ खड़ा होना चाहिए। चीन को उम्मीद है कि उसके व्यापारिक साझेदार इन मूल्यों का पालन करेंगे। अपने वैश्विक भागीदारों के लिए एक सुलह वाले लहजे में मंत्रालय ने कहा कि वह सभी पक्षों के साथ एकजुटता और समन्वय को मजबूत करने, स्थिति से निपटने के लिए हाथ मिलाने और एकतरफा दादागिरी का संयुक्त रूप से विरोध करने के लिए तैयार है।
क्या है चीन का संकेत?
यह आह्वान अमेरिकी प्रभाव को संतुलित करने के लिए समान विचारधारा वाली अर्थव्यवस्थाओं के साथ सहयोग को दृढ़ करने के चीन के इरादे को दर्शाता है। यह संदेश इस बात का भी संकेत है कि चीन सक्रिय रूप से उन देशों का गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहा है, जो वाशिंगटन की आक्रामक टैरिफ नीतियों का विरोध कर रहे हैं। गौरतलब है कि चीन और अमेरिका के बीच ट्रेड को लेकर तनाव के बीच, चीन ने भारत से बातचीत की है। चीन ने कहा है कि वह भारत से आने वाले और भी अच्छे सामान का स्वागत करने को तैयार है। चीन, भारतीय कारोबारियों को चीनी बाजार में मौजूद अवसरों का फायदा उठाने में मदद करने के लिए भी तैयार है। इससे भारत का व्यापार घाटा कम करने में मदद मिलेगी।