

नई दिल्ली - तीसरे विश्व युद्ध को रोकने का दावा करने वाले डोनाल्ड ट्रंप ने अब व्यापार युद्ध (टैरिफ वॉर) की शुरुआत कर दी है। इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ा है, और भारत भी इससे अछूता नहीं रहा। ट्रंप ने कनाडा और मेक्सिको से आयात होने वाले सामानों पर 25 फीसदी शुल्क लगा दिया है, जबकि चीन के उत्पादों पर 20 फीसदी टैरिफ लागू किया गया है।
अमेरिका के फैसले को चीन दे रहा है चुनौती
ट्रंप के इस फैसले का कनाडा, मेक्सिको और चीन ने कड़ा जवाब दिया है। कनाडा ने अमेरिकी सामानों पर 25 फीसदी टैरिफ लगा दिया, जबकि चीन ने भी अमेरिकी उत्पादों पर 10 और 15 फीसदी आयात शुल्क लगाने की घोषणा की है। चीन ने साफ कर दिया है कि अगर अमेरिका टकराव चाहता है, तो वह भी अंत तक मुकाबला करने के लिए तैयार है, चाहे वह टैरिफ वॉर हो, व्यापार युद्ध हो या किसी अन्य तरह का संघर्ष।
क्या कहा चीन ने ?
चीन ने कहा, "अमेरिका में फेंटानाइल के लिए कोई और नहीं, बल्कि खुद अमेरिका जिम्मेदार है। मानवीय भावना और अमेरिकी जनता के प्रति सद्भावना के तहत हमने इस मुद्दे से निपटने में अमेरिका की सहायता के लिए ठोस कदम उठाए हैं, लेकिन हमारे प्रयासों को स्वीकार करने के बजाय अमेरिका ने चीन को बदनाम करने और दोषारोपण करने की कोशिश की है।"
ट्रंप ने Reciprocal Tariff लगाने का किया ऐलान
डोनाल्ड ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि भारत अमेरिका पर 100 प्रतिशत ऑटो टैरिफ लगाता है, इसलिए अमेरिका भी भारत सहित चीन, मेक्सिको और कनाडा जैसे कई देशों पर टैरिफ लगाएगा। ट्रंप ने यह भी बताया कि चीन अमेरिका से दोगुना और दक्षिण कोरिया चार गुना ज्यादा टैरिफ वसूलता है, जबकि अमेरिका उन्हें सैन्य सहायता देता है। ऐसे में 2 अप्रैल से अमेरिका उन सभी देशों पर उतना ही टैरिफ लगाएगा, जितना वे अमेरिका पर लगाते हैं। इसी नीति को रेसिप्रोकल टैरिफ कहा जाता है।