

नई दिल्ली : दिल्ली हाई कोर्ट नागर विमानन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) द्वारा ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के हित’ में तुर्किये की कंपनी ‘सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्रा.लि.’ और एक अन्य कंपनी की सुरक्षा मंजूरी रद्द किए जाने के फैसले के खिलाफ सोमवार को दो याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। तुर्किये द्वारा पाकिस्तान का समर्थन किए जाने और पड़ोसी देश व उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारत के हमलों की निंदा करने के कुछ दिन बाद इन दोनों कंपनियों की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी गयी थी। शुक्रवार को दायर याचिकाओं को न्यायमूर्ति सचिन दत्ता के समक्ष 19 मई को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
ये दो याचिकाएं ‘सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्रा.लि.’ और ‘सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्रा.लि.’ द्वारा दायर की गयी हैं। सेलेबी 15 वर्षों से अधिक समय से भारतीय विमानन क्षेत्र में काम कर रही है और 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार दे रही है व नौ हवाई अड्डों पर अपनी सेवाएं प्रदान करती है। बीसीएएस ने एक आदेश में कहा, ‘राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में ‘सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्रा.लि.’ के संबंध में सुरक्षा मंजूरी तत्काल प्रभाव से रद्द की जाती है।’ तुर्किये की इस कंपनी को सुरक्षा मंजूरी नवंबर 2022 में दी गयी थी।
सेलेबी की वेबसाइट के अनुसार, कंपनी भारत में सालाना लगभग 58,000 उड़ानों और 5,40,00 टन कार्गो की जिम्मेदारी संभालती है। यह मुंबई, दिल्ली, कोचीन, कन्नूर, बेंगलुरु, गोवा, हैदराबाद अहमदाबाद और चेन्नई हवाई अड्डों पर मौजूद है। दिल्ली हवाई अड्डे के संचालक ‘डायल’ ने भी कहा था कि उसने इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ‘ग्राउंड हैंडलिंग’ और कार्गो संचालन के लिए जिम्मेदार सेलेबी संस्थाओं के साथ अपना सहयोग औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया है। ‘सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्रा.लि.’ और ‘सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्रा.लि.’ क्रमशः ‘ग्राउंड हैंडलिंग’ और कार्गो टर्मिनल कार्यों की देखरेख कर रही थीं।