

नई दिल्ली - केंद्र सरकार ने लड़ाकू विमान तेजस के उत्पादन को तेज करने और निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाने के लिए एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। सूत्रो के अनुसार, इस समिति की अध्यक्षता रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह कर रहे हैं, और यह समिति अगले महीने अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।
97 तेजस विमानों का नया ऑर्डर दिया गया
हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) बेंगलुरु और नासिक में तेजस मार्क-1A का निर्माण कर रही है। पहले ही 83 विमानों का ऑर्डर HAL को दिया गया था, लेकिन अमेरिकी कंपनी GE से इंजन की आपूर्ति में देरी के कारण इन विमानों की डिलीवरी में रुकावट आई है। अब 97 और तेजस विमानों के ऑर्डर की प्रक्रिया चल रही है, जिससे उत्पादन में तेजी लाने के लिए निजी कंपनियों की भागीदारी आवश्यक हो गई है।
HAL की क्या है योजना ?
सूत्रो के मुताबिक , HAL पहले ही MTAR हैदराबाद, L&T और Godrej जैसी कंपनियों को तेजस के कुछ हिस्सों का निर्माण सौंप चुकी है। अब सरकार नई उत्पादन लाइनों की संभावनाओं पर भी विचार कर रही है। AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) प्रोग्राम के तहत, सरकार तेजस और भविष्य के लड़ाकू विमानों के उत्पादन में निजी कंपनियों की बड़ी भूमिका सुनिश्चित करना चाहती है। इसके लिए HAL अपने नासिक स्थित प्लांट को निजी कंपनियों के साथ साझा करने पर विचार कर रहा है, ताकि तेजस और AMCA दोनों के उत्पादन को तेज किया जा सके।
आत्मनिर्भर भारत की तरफ एक और कदम
केंद्र सरकार इस कदम के माध्यम से भारतीय वायुसेना के स्क्वाड्रन को सशक्त बनाने और तेजस के उत्पादन को गति देने की कोशिश कर रही है। इससे 'मेक इन इंडिया' पहल को भी समर्थन मिलेगा, जिससे देश रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर हो सकेगा। ज्ञात हो कि हाल ही में बेंगलुरु में आयोजित एयरो इंडिया 2025 के दौरान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने तेजस लड़ाकू विमानों की डिलीवरी में देरी को लेकर अपनी निराशा व्यक्त की थी।