

नई दिल्लीः हालांकि रुपया का कमजोर प्रदर्शन भारत के लिए चिंता की बात है, बावजूद इसके भारत की तरक्की जोरदार तरीके से जारी रहेगी। भारत 2025 में सात प्रतिशत और 2026 में 6.4 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि के साथ उभरते बाजारों और एशिया प्रशांत क्षेत्र में वृद्धि का नेतृत्व करेगा।
रेटिंग एजेंसी ‘मूडीज रेटिंग्स’ ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के बीच भारत के घरेलू वृद्धि चालक इसकी आर्थिक मजबूती को बल देते हैं। हालांकि भारतीय रुपया, डॉलर के मुकाबले कमजोर होता जा रहा है लेकिन फिर भी अधिकतर ‘रेटेड’ कंपनियों के पास सक्रिय मुद्रा जोखिम प्रबंधन या मजबूत वित्तीय भंडार हैं।
भारत उभरते बाजारों और पूरे क्षेत्र में वृद्धि का नेतृत्व करेगा
रेटिंग एजेंसी ने कहा, ‘‘ भारत उभरते बाजारों और पूरे क्षेत्र में वृद्धि का नेतृत्व करेगा जिसकी जीडीपी 2025 में सात प्रतिशत और 2026 में 6.4 प्रतिशत की दर से बढ़ेगी।’’
इसने अनुमान लगाया है कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र (एपीएसी) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 2026 में औसत 3.4 प्रतिशत पर स्थिर रहेगी। 2025 में इसके 3.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो 2024 में यह 3.3 प्रतिशत थी।
मूडीज ने कहा कि भारित औसत के आधार पर उभरते बाजार इस क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि को गति देंगे। इसकी औसत वृद्धि 5.6 प्रतिशत होगी जबकि उन्नत बाजारों में औसत वृद्धि 1.3 प्रतिशत रहेगी।
लेकिन आईएमएफ के ग्रेड से भारत को झटका
हालांकि इधर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर एक महत्वपूर्ण टिप्पणी की हैं। आईएमएफ ने अपने सालाना रिव्यू में भारत के राष्ट्रीय लेखा आंकड़ों में गंभीर खामियां बताते हुए इसे सी ग्रेड में रखा है। अगर आंकड़ों की क्वालिटी की बात करें तो, यह दूसरा सबसे खराब स्तर माना जाता है। आईएमएफ ने यह टिप्पणी ऐसे समय में की है, जब आज, 28 नवंबर को भारत सरकार की इस वित्तीय वर्ष की दूसरी तिमाही के जीडीपी आंकड़े सामने आने वाले हैं। वहीं इधर मूडीज ने अनुमान लगाया है कि, भारतीय अर्थव्यवस्था करीब 7 प्रतिशत से आगे बढ़ सकती है।
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