बीमा के 50 लाख के लिए चिता पर पुतला रख जलाने को कोशिश, दिल्‍ली के दो व्यापारी गिरफ्तार

दिल्ली के रहने वाले गिरफ्तार दो लोग अपनी घबराहट की वजह से पकड़े गये।
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हापुड़ (उप्र): हापुड़ जिले के गढ़मुक्‍तेश्‍वर थाना क्षेत्र के बृजघाट में पुलिस ने दिल्ली के दो व्यापारियों को गिरफ्तार कर लिया, जो कथित तौर पर धोखे से बीमा के 50 लाख रुपये का क्लेम करने की साजिश के तहत एक पुतले का अंतिम संस्कार करने की कोशिश कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि उनके दो साथी भागने में कामयाब रहे।

श्मशान घाट कर्मचारी ने शक के बिना पर किया खुलासा

पुलिस के अनुसार बृहस्पतिवार दोपहर यह अजीब मामला तब सामने आया, जब चार लोग हरियाणा के नंबर वाली एक कार में घाट पर पहुंचे और अपने साथ शव होने का दावा किया। पुलिस ने कहा कि उन्होंने घी और अंतिम संस्कार के लिए जरूरी अन्य चीजें खरीदीं और चुपचाप पुतले को “शव” की तरह चिता पर रख दिया। लेकिन उनकी घबराहट को स्थानीय लोगों ने भांप लिया तथा श्मशान घाट पर मौजूद नगर पालिका के कर्मचारी नितिन को कुछ गड़बड़ लगी। पुलिस के अनुसार नितिन ने जब पुतले के ऊपर ढके कपड़े को हटाया, तो पता चला कि वह किसी इंसान का शव नहीं बल्कि एक पुतला था।

कर्ज चुकाने के लिए बनायी थी योजना

अधिकारियों ने बताया सूचना मिलने पर पुलिस की एक टीम मौके पर पहुंची और उन्होंने गाड़ी के साथ तीन पुतले भी बरामद किए। दो आरोपियों- कमल सोमानी और आशीष खुराना को गिरफ्तार कर लिया गया, जो दिल्ली के उत्तम नगर में जैन कॉलोनी के रहने वाले हैं। उनके दो साथी भाग गए। पुलिस ने बताया कि पूछताछ के दौरान, कपड़ा व्यापारी सोमानी ने कबूल किया कि उस पर 50 लाख रुपये का कर्ज था और वह महीनों से अवसाद में था।

पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) स्तुति सिंह ने कहा, ‘‘पैसे चुकाने के लिए, उसने एक बड़ी योजना बनाई। उसने किसी बहाने से अपने कर्मचारी नीरज के भाई अंशुल के आधार और पैन कार्ड हासिल किए। लगभग एक साल पहले अंशुल के नाम पर 50 लाख रुपये की एक बीमा पॉलिसी ली, और उसका प्रीमियम नियमित भर रहा था।’’

शवदाह रशीद से बीमा राशि क्लेम करने की थी योजना

पुलिस के मुताबिक योजना यह थी कि अंशुल को शहर से बाहर भेजा जाए, एक पुतले को उसका शव बताकर दिखाया जाए और उसका अंतिम संस्कार करके श्मशान घाट से शवदाह की आधिकारिक रसीद प्राप्त कर ली जाए। इसके बाद उनकी बीमा राशि का क्लेम करने की योजना थी।

अधिकारियों के अनुसार हालांकि, जब पुलिस ने सोमानी के फोन से अंशुल को वीडियो-कॉल किया, तो वह प्रयागराज में अपने घर पर था और उसने दावा किया कि उसे इस घटनाक्रम की जानकारी नहीं है। सीओ स्तुति सिंह ने इसे बीमा धोखाधड़ी का मामला बताया और कहा, ‘‘जांच चल रही है और फरार संदिग्धों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।’’

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