चुनाव आयोग ने की घोषणा, अब देशभर में कराया जाएगा SIR

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नई दिल्ली: निर्वाचन आयोग बिहार के बाद अब देशभर में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की तैयारी कर रहा है। आयोग ने बताया कि एसआईआर देशभर में होगा, लेकिन ज्यादातर राज्यों में आधे से ज्यादा मतदाताओं को कोई दस्तावेज दिखाने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि उनके नाम पिछले एसआईआर की मतदाता सूची में शामिल हैं।

ज्यादातर जगह 2002 से 2004 के बीच हो गई थी। जिनके नाम उस समय की मतदाता सूची में थे, उन्हें जन्मतिथि या जन्मस्थान साबित करने के लिए कोई नया कागज नहीं देना होगा। वर्ष 1987 के बाद जन्मे लोगों को माता-पिता के दस्तावेज दिखाने होंगे।

इसका मकसद क्या है?

SIR चुनाव आयोग की तरफ से फर्जी वोटर्स को वोटर लिस्ट से हटाने के लिए किया जाता है। जिन लोगों की मौत हो चुकी है, जो लोग अपना गांव या फिर शहर छोड़कर जा चुके हैं और दूसरी जगह वोटर हैं, उनके नाम हटाए जाते हैं। एसआईआर के दौरान भरे जाने वाले फॉर्म से वोटर लिस्ट में नाम जुड़वा भी सकते हैं।

मान्य दस्तावेज

बिहार में जिन लोगों का नाम 2003 की सूची में शामिल था, उन्हें दस्तावेज दिखाने या फॉर्म भरने की जरूरत नहीं पड़ी। इसके बाद लिस्ट में नाम जुड़वाने वाले लोगों को ये साबित करना था कि वो वैध वोटर हैं या नहीं। इसी तरह आयोग अब देशभर में होने वाले एसआईआर के लिए एक मानदंड बना सकता है। अगर एसआईआर के दौरान वोटर लिस्ट से नाम हट जाता है तो आपको निर्वाचन आयोग की तरफ से मौका दिया जाएगा।

आवदेक अपने बीएलओ से संपर्क कर सकते हैं और फॉर्म भरने के बाद वोटर लिस्ट में उनका नाम जोड़ दिया जाएगा। हालांकि, इसके लिए उन्हें जरूरी दस्तावेज दिखाने होंगे, जिससे ये साबित हो पाएगा कि वे उसी जगह के वोटर हैं।

चुनाव आयोग ने कहा कि अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर उम्मीदवारों के नाम और चुनाव चिह्न के साथ उनके कलर फोटो भी होंगे, शुरुआत बिहार चुनाव से होगी। इसके बाद सभी चुनावों में यही प्रक्रिया अपनाई जाएगी।

भ्रम से बचेंगे वोटर

आयोग ने कहा कि हमनाम उम्मीदवारों की वजह से अक्सर मतदाताओं को भ्रम पैदा होता है, EVM पर उम्मीदवार की रंगीन तस्वीर भी लगायी जायेगी ताकि मतदाता सही से पहचान कर सकें। सभी उम्मीदवारों और नोटा के क्रमांक को भी ईवीएम पर बड़े व गहरे फॉन्ट में छापा जायेगा।

ईवीएम मतपत्र के वजन का मानक भी तय

आयोग ने ईवीएम मतपत्र के वजन का मानक भी तय किया है। ये पेपर 70 जीएसएम के होंगे। विधानसभा चुनावों के लिए गुलाबी रंग के खास पेपर का इस्तेमाल किया जाएगा। बिहार में राज्य की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव की तैयारियां चल रही हैं। मतदाता सूचियों के एसआईआर के बाद फाइनल सूची तैयार की जा रही है।

आगामी 30 सितंबर को इसका प्रकाशन होने के बाद किसी भी समय चुनाव की तारीखें घोषित हो जायेंगी। बिहार के बाद 2026 में बंगाल, असम, केरल, पुड्डुचेरि और तमिलनाडु में विधानसभा चुनाव संभावित हैं।

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