कोलकाता: नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी पर विधानसभा में स्पीकर पर कागज फेंकने का आरोप लगा है। शिकायत के मद्देनजर शुभेंदु ने कहा कि एक बार ममता बनर्जी ने भी संसद में कागज फेंका था। मंगलवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विधानसभा में विपक्षी नेता की इस टिप्पणी पर जवाब दिया।
पश्चिम बंगाल विधानसभा में खड़े होकर ममता ने कहा कि मुझ पर संसद में कागज फेंकने का आरोप लगाया गया है। मैं बताना चाहूंगी कि उस वक्त मैं संसद में बिलकुल अकेली थी। मुझे कुछ भी कहने की इजाजत नहीं थी। बीजेपी, सीपीएम, कांग्रेस ने मिलकर मुझे बोलने नहीं दिया। सात दिन तक लगातार नोटिस देने के बाद भी उन्होंने एक शब्द भी नहीं बोलने दिया।
साल 2004 के लोकसभा चुनाव में जब मैं बंगाल में 39 फीसदी वोट पाने के बाद अकेली रह गई तो मुझे भाषण देने की इजाजत नहीं दी गई। संसद में प्रश्न पूछने की इजाजत नहीं थी। उन्हें यहां हर दिन बोलने का मौका मिलता है। मैं खुद उन्हें मौका देती हूं, लेकिन यह मेरे समय में नहीं हुआ, इसलिए यह एक तरह से मजबूरी है। मुख्यमंत्री यहीं नहीं रुकीं। ममता ने साल 2007 में विधानसभा में तोड़फोड़ में शामिल होने के आरोपों से भी इनकार किया।
‘मुझे सबूत देना पड़ेगा’
ममता बनर्जी ने कहा कि कहा जा रहा है कि मैंने कुर्सियां और टेबल फेंक दीं। मैं स्पीकर से कहूंगी, मुझे सबूत देना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि उस वक्त मुझे सिंगुर में घुसने की इजाजत नहीं थी। सिंगुर से लौटने के बाद मैं विधानसभा में विपक्ष के नेता पार्थ चटर्जी से मिलने उनके घर पहुंची। पुलिस ने मुझे बुलाया और रोका। मैंने कहा कि विपक्ष के नेता को बुलाइये। लेकिन मेरी एक ना सुनी, बहुत पीटा गया, उसका विचार कौन करेगा?