

लंदन : रूस को संदेश देने के लिए ब्रिटेन परमाणु ऊर्जा से संचालित नयी हमलावर पनडुब्बियां बनाएगा और यूरोप में युद्ध के लिए तैयार सेना का गठन करेगा। ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टॉर्मर ने 3 दशक से अधिक समय पहले शीत युद्ध की समाप्ति के बाद ब्रिटेन की रक्षा नीति में सबसे बड़े बदलाव करने का संकल्प लेते हुए कहा कि लंदन ‘रूस से उत्पन्न खतरे को नजरअंदाज नहीं कर सकता।’ स्टॉर्मर ने कहा, ‘हमें यह स्वीकार करना होगा कि दुनिया बदल गई है। आज पिछले कई वर्षों से कहीं ज्यादा अस्थिरता और खतरे हैं।’
बदलते हालात में की ‘रक्षा समीक्षा’
ब्रिटिश सरकार को स्टॉर्मर की ओर से ब्रिटेन के पूर्व रक्षा सचिव एवं नाटो महासचिव जॉर्ज रॉबर्टसन के नेतृत्व में की गई रणनीतिक रक्षा समीक्षा पर सोमवार को प्रतिक्रिया देनी है। यह 2021 के बाद अपनी तरह की पहली समीक्षा है, जो 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण और पिछले साल डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुने जाने के बाद बदलते वैश्विक समीकरणों के बीच हुई है। ब्रिटिश सरकार ने कहा है कि वह समीक्षा में की गई सभी 62 सिफारिशों को स्वीकार करेगी, जिनका मकसद जमीन, हवा, समुद्र और साइबरस्पेस में बढ़ते खतरों का मुकाबला करने में ब्रिटेन की मदद करना है।
खर्च बढ़ाएंगे, पर अभी सैनिक नहीं बढ़ेंगे
ब्रिटेन के रक्षा मंत्री जॉन हेली ने कहा कि ये बदलाव ‘मॉस्को को संदेश देंगे और ब्रिटिश सेना की सूरत बदलेंगे, जिसमें पिछले कई दशकों से सैनिकों की संख्या में लगातार कटौती की जा रही है।’ हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि सैनिकों की संख्या, जो मौजूदा समय में ऐतिहासिक रूप से सबसे कम है, उसमें 2030 के दशक की शुरुआत में ही वृद्धि होने की संभावना है। हेली ने कहा कि रक्षा खर्च को 2027 तक राष्ट्रीय आय के 2.5 फीसदी तक पहुंचाने की योजना ‘पटरी पर है’ और इसमें कोई संदेह नहीं है कि 2034 से पहले यह तीन प्रतिशत तक हो जाएगी। स्टॉर्मर ने कहा कि तीन प्रतिशत का लक्ष्य एक ‘आकांक्षा’ है, न कि दृढ़ संकल्प और यह स्पष्ट नहीं है कि नकदी की कमी से जूझ रहे सरकारी खजाने को इसके लिए धन कहां से मिलेगा। सरकार ने रक्षा खर्च को 2.5 फीसदी के लक्ष्य तक ले जाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहायता खर्च में पहले ही कटौती कर दी है।
12 पनडुब्बियां बनाने की तैयारी
जानकारी के मुताबिक, ब्रिटिश सरकार ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका के साथ मिलकर एयूकेयूएस साझेदारी के तहत परमाणु ऊर्जा से संचालित और पारंपरिक हथियारों से लैस ‘कम से कम 12 पनडुब्बियों’ के निर्माण की घोषणा कर सकती है। सरकार ने यह भी कहा है कि वह ब्रिटेन के परमाणु शस्त्रागार को मजबूत करने के लिए 15 अरब पाउंड का निवेश करेगी, जिसमें पनडुब्बियों पर तैनात की जाने वाली मिसाइलों का निर्माण भी शामिल है। इसके अलावा, सरकार ब्रिटेन के पारंपरिक हथियार भंडार में भी इजाफा करेगी और इसमें स्वदेश में निर्मित लंबी दूरी के 7,000 हथियार शामिल किए जाएंगे।