बाबा सिद्दीकी हत्याकांड मामले में मुंबई पुलिस को अदालत की फटकार

शहजीन ने पिछले हफ्ते दायर अपनी याचिका में कहा कि पुलिस असली दोषियों को पकड़ने में विफल रही है। उन्होंन अपने पति की हत्या के पीछे एक बिल्डर/डेवलपर और राजनीतिक सांठगांठ का आरोप लगाया है। उन्होंने मांग की कि हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाए।
Baba Siddiquie
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मुंबई : मुंबई उच्च न्यायालय ने मंगलवार को शहर पुलिस को महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की पत्नी शहजीन सिद्दीकी की याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया। बाबा सिद्दीकी की पिछले साल अक्टूबर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी और उनकी पत्नी ने इस मामले में एसआईटी जांच की मांग की थी।

शहजीन ने याचिका में आरोप लगाया

शहजीन ने पिछले हफ्ते दायर अपनी याचिका में कहा कि पुलिस असली दोषियों को पकड़ने में विफल रही है। उन्होंन अपने पति की हत्या के पीछे एक बिल्डर/डेवलपर और राजनीतिक सांठगांठ का आरोप लगाया है।

उन्होंने मांग की कि हत्या की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जाए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर मामले में असली दोषियों को गिरफ्तार करने से परहेज किया है और दावा किया है कि हत्या का आदेश जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के भाई अनमोल बिश्नोई ने दिया था।

1 साल पहले बाबा सिद्दीकी की हुई थी हत्या

बाबा सिद्दीकी (66) की 12 अक्टूबर, 2024 की रात को मुंबई के बांद्रा इलाके में उनके बेटे जीशान के कार्यालय के बाहर तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। न्यायमूर्ति ए एस गडकरी और न्यायमूर्ति आर आर भोंसले की पीठ ने मंगलवार को संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) और संबंधित जांच अधिकारी को याचिका पर अपने हलफनामे दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की सुनवाई 11 दिसंबर को करना तय किया।

उच्च न्यायालय ने पुलिस के मौखिक आश्वासन को किया खारिज

जीशान सिद्दीकी का बयान दर्ज किया गया था या नहीं, इस पर कुछ भ्रम होने के बाद अदालत ने पुलिस से अगली तारीख पर जांच की केस डायरी पेश करने को भी कहा। पुलिस ने दावा किया कि वह जीशान के संपर्क में थी, वहीं याचिकाकर्ता के वकील, प्रदीप घरत और त्रिवनकुमार करनानी ने कहा कि उनका बयान दर्ज नहीं किया गया था।

उच्च न्यायालय ने पुलिस के मौखिक आश्वासन को खारिज करते हुए कहा, ‘हमें केस डायरी दिखाएं। आप कहते हैं कि जीशान का बयान दर्ज किया गया है। वह कहते हैं कि यह अभी तक दर्ज नहीं किया गया है। केस डायरी दिखाकर पुष्टि करें।’

जब राज्य के विशेष लोक अभियोजक महेश मुले ने दलील दी कि पुलिस ने ‘‘कई बार’’ जीशान से संपर्क किया था और उनके पास दिखाने के लिए व्हाट्सएप चैट और कॉल रिकॉर्ड हैं, तो पीठ ने टिप्पणी की, ‘वह संपर्क में हैं या नहीं, हमें कोई मतलब नहीं। हमें कानूनी रूप से स्वीकार्य सबूत दिखाएं। यह एक अपराध की जांच है।’

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