प्रो लीग का प्रदर्शन अच्छा सबक : श्रीजेश

पूर्व भारतीय कप्तान और गोलकीपर पी आर श्रीजेश का मानना है कि हाल ही में समाप्त हुई एफआईएच प्रो लीग अगले साल होने वाले एशियाई खेलों और विश्व कप से पहले पुरुष राष्ट्रीय हॉकी टीम के लिए अच्छा सबक है
प्रो लीग का प्रदर्शन अच्छा सबक : श्रीजेश
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नयी दिल्ली : पूर्व भारतीय कप्तान और गोलकीपर पी आर श्रीजेश का मानना है कि हाल ही में समाप्त हुई एफआईएच प्रो लीग अगले साल होने वाले एशियाई खेलों और विश्व कप से पहले पुरुष राष्ट्रीय हॉकी टीम के लिए अच्छा सबक है। भारत को प्रो लीग के यूरोपीय चरण में संघर्ष करना पड़ा और वह नौ टीमों में से आठवें स्थान पर रहा। टोक्यो और पेरिस ओलंपिक में भारत की कांस्य पदक विजेता टीमों का हिस्सा रहे श्रीजेश का मानना है कि खिलाड़ियों ने बहुत खराब प्रदर्शन नहीं किया, लेकिन दुर्भाग्य से परिणाम टीम के पक्ष में नहीं रहे।

श्रीजेश ने यहां बुधवार की रात को एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘मुझे लगता है कि खिलाड़ियों ने बहुत अच्छा प्रदर्शन किया, हमने कई मौके बनाए। हमने कड़ी चुनौती दी लेकिन कभी-कभी ऐसा होता है जब परिणाम आपके पक्ष में नहीं आते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘हमारी तैयारी अच्छी थी लेकिन दुर्भाग्य से परिणाम हमारे लिए अच्छे नहीं रहे लेकिन कोचों के पास एशिया कप के लिए टीम तैयार करने के लिए पर्याप्त समय है और निश्चित रूप से अगले साल एशियाई खेल और विश्व कप भी है।‘

श्रीजेश ने कहा, ‘मुझे लगता है कि इस प्रो लीग ने हमें विश्व कप और एशियाई खेलों की तैयारी के लिए कड़ा सबक सिखाया है।’ एशियाई खेलों का आयोजन 19 सितंबर से चार अक्टूबर तक जापान के आइची-नागोया में किया जाएगा। विश्व कप 15 से 30 अगस्त तक नीदरलैंड और बेल्जियम में आयोजित किया जाएगा। पेरिस ओलंपिक खेलों के बाद संन्यास लेने के बाद श्रीजेश अब भारतीय पुरुष जूनियर हॉकी टीम के कोच हैं और वह इसका आनंद ले रहे हैं।

उन्होंने कहा, ‘मेरी दिनचर्या पहले जैसी ही है। जब आप सुबह जल्दी उठते हैं तो खिलाड़ियों को तैयार करने के बारे में सोचते हैं। यह सुनिश्चित करते हैं कि वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं और बाकी दिन अगले सत्र की तैयारी करते हैं। अंतर सिर्फ इतना है कि पहले शारीरिक हिस्से पर अधिक जोर देना पड़ता था लेकिन अब दिमाग पर ज्यादा जोर देना पड़ता है लेकिन मैं इसका पूरा आनंद ले रहा हूं।’

भारत इस वर्ष 28 नवंबर से 10 दिसंबर तक चेन्नई और मदुरै में एफआईएच जूनियर विश्व कप की मेजबानी करेगा और श्रीजेश अपने खिलाड़ियों को तैयार करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती जूनियर विश्व कप है क्योंकि चार देशों के टूर्नामेंट और इस तरह की अन्य प्रतियोगिताएं उन पर जूनियर विश्व कप जितना दबाव नहीं डालतीं। मेरा काम उन्हें इन टूर्नामेंट के लिए अच्छी तरह से तैयार करना है।’

जूनियर विश्व कप में भारत को पूल बी में पाकिस्तान, चिली और स्विट्जरलैंड के साथ रखा गया है। हालांकि ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के कारण जूनियर विश्व कप में पाकिस्तान की भागीदारी पर अनिश्चितता के बादल मंडरा रहे हैं, लेकिन श्रीजेश किसी एक विशेष टीम पर ध्यान केंद्रित नहीं करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘हम एक ही पूल (भारत और पाकिस्तान) में हैं, लेकिन मैं नहीं चाहता कि मेरे खिलाड़ी किसी एक विशेष टीम के बारे में सोचें।’

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