

कोलकाता : आज के दौर में जनरेशन गैप सिर्फ सोच या व्यवहार तक सीमित नहीं है, बल्कि शिक्षा की दुनिया में भी इसे बहुत स्पष्ट रूप से महसूस किया जा सकता है। पहले जहां बच्चों को चॉक बोर्ड के माध्यम से पढ़ाया जाता था, वहीं आज की पढ़ाई स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल बोर्ड और मल्टीमीडिया प्रेजेंटेशन आधारित हो रही है।
छोटे क्लास से ही बच्चों को AI, कोडिंग, रोबोटिक्स जैसे विषयों से परिचित कराया जा रहा है, ताकि वे भविष्य में तेजी से बदलती दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चल सकें। स्कूल मैनेजमेंट की ओर से बताया गया है कि बच्चों में भी इन विषयों को लेकर काफी रुचि देखी जा रही है। टेक्नोलॉजी के दौर में बच्चे अपने आप को अपडेट रखने के लिए पूरी तरह तत्पर हैं।
जैसा हम देख रहे हैं कि इस बदलती दुनिया में टेक्नोलॉजी के साथ अपडेट रहना बहुत जरूरी है, उसी मुताबिक स्कूलों में प्रोजेक्टर, टैबलेट, इंटरैक्टिव स्क्रीन और ऑडियो–विजुअल सामग्री का उपयोग बच्चों को पढ़ाने के लिए किया जाता है, ताकि वे चीजों को बेहतर ढंग से समझ सकें।
क्या कहा स्कूल की प्रिंसिपलों ने?
श्री शिक्षायतन स्कूल की प्रिंसिपल संगीता टंडन ने बताया कि बदलती दुनिया में टेक्नोलॉजी के बारे में जानना बहुत जरूरी है, ऐसे में बच्चे AI, कोडिंग, रोबोटिक्स जैसे विषयों में काफी रुचि रख रहे हैं। भविष्य में यह रोजगार का बहुत बड़ा अवसर बनेगा।
द बीएसएस स्कूल की प्रिंसिपल सुनीता सेन ने बताया कि देखा जाए तो डिजिटल स्मार्ट बोर्ड के माध्यम से पढ़ाई आसान हो गई है, क्योंकि ऑडियो और विजुअल दिखाकर पढ़ाने से यह बच्चे कांसेप्ट को अच्छी तरह से क्लीयर करते हैं। डीपीएस हावड़ा की प्रिंसिपल सुनीता अरोड़ा ने बताया कि स्कूल में क्लास 1 से बच्चों को कोडिंग के बारे में बताया जाता है। बच्चे AI और टेक्नोलॉजी से जुड़े विषयों में काफी रुचि रखते हैं।
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