
कोलकाता : 18 सितंबर 2023, सोमवार को हरतालिका तीज का व्रत है। इस व्रत को करने से माता पार्वती और भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है और पति को लंबी आयु, यश और प्रतिष्ठा की प्राप्ति होती है। हरतालिका तीज का व्रत विवाहिता के साथ अविवाहिता युवतियां भी करती हैं। इस दिन भोलेनाथ का अभिषेक प्रदोष काल में किया जाता है, इसके साथ ही मां पार्वती और गणेश जी की भी पूजा की जाती है। अखंड सौभाग्य के लिए हरतालिका तीज व्रत की पूजा शुभ मुहूर्त में ही करें। जानें हरतालिका तीज पूजा का मुहूर्त, विधि और मंत्र।
हरतालिका तीज 2023 तिथि
भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि शुरू – 17 सितंबर, सुबह 11.08
भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि समाप्त – 18 सितंबर, दोपहर 12.39
हरतालिका तीज पूजा विधि
- हरतालिका तीज पर सूर्योदय से पूर्व स्नान के बाद व्रत का संकल्प लें, जो लोग सुबह पूजा करते हैं वह शुभ मुहूर्त का ध्यान रखें। हरतालिका तीज के सूर्यास्त के बाद शुभ मुहूर्त में पूजा श्रेष्ठ होती है।
- पूजा से पहले सुहागिन स्त्रियां सोलह श्रृंगार कर बालू या शुद्ध काली मिट्टी से शिव-पार्वती और गणेश जी की मूर्ति बनाएं।
- पूजा स्थल पर फुलेरा लगाएं।
- केले के पत्तों से मंडप बनाएं।
- गौरी-शंकर की मूर्ति पूजा की चौकी पर स्थापित करें।
- गंगाजल, पंचामृत से उनका अभिषेक करें।
- गणेश जी को दूर्वा और जनेऊ चढ़ाएं।
- शिव जी को चंदन, मौली, अक्षत, धतूरा, आंक के पुष्प, भस्म, गुलाल, अबीर, 16 प्रकार की पत्तियां आदि अर्पित करें।
- मां पार्वती को सुहाग की सामग्री चढ़ाएं।
- अब भगवान को खीर, फल आदि का भोग लगाएं।
- धूप, दीप लगाकर हरतालिका तीज व्रत की कथा सुनें। आरती करें।
- रात्रि जागरण कर हर प्रहर में इसी तरह पूजा करें।
- अगले दिन सुबह आखिरी प्रहर की पूजा के बाद माता पार्वती को चढ़ाया सिंदूर अपनी मांग में लगाएं।
- मिट्टी के शिवलिंग का विसर्जन कर दें और सुहाग की सामग्री ब्राह्मणी को दान में दें।
- प्रतिमा का विसर्जन करने के बाद ही व्रत का पारण करें।