

कोलकाता: राज्य सरकार के बजट सत्र का विस्तार अगले सप्ताह तक हो सकता है। बहुप्रतीक्षित पश्चिम बंगाल विधानसभा का बजट सत्र सोमवार 10 फरवरी से शुरू हुआ जिसमें राज्यपाल डॉ सीवी आनंद बोस के अभिभाषण पर बहस छिड़ गई, क्योंकि उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार पर बहुत नरम रुख अपनाया जो राजभवन और राज्य सरकार के बीच जारी तल्खी में संभावित नरमी का संकेत है। इस सत्र से 2026 के राज्य विधानसभा चुनावों से पहले महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक चर्चा के लिए मंच तैयार होने की उम्मीद है। हालाँकि सरकारी पक्ष तब थोड़ा संकट में पड़ गया जब उसे पता चला कि गुरुवार 13-16 फरवरी तक एक के बाद एक चार दिनों की आधिकारिक छुट्टी की घोषणा की गई है। सूत्रों के अनुसार 12 फरवरी को बजट पेश होने के बाद अगले दो दिन 13-14 फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के लिए निर्धारित किया गया था लेकिन अब 4 दिनों की लंबी छुट्टी के कारण बिजनेस एडवाइजरी कमेटी उस चर्चा को अगले सप्ताह के लिए पुनर्निर्धारित करने को तैयार है और संभवत: इससे सत्र 20-21 फरवरी तक खिंच गया है। पहले चरण के विस्तार को लेकर अंतिम फैसला बुधवार को विधानसभा में होने वाली बीएसी की बैठक में आएगा। यह भी पता चला है कि इस दिन एक के बाद एक दो कैबिनेट बैठकें होंगी।
बजट पेश करने के समय पर चर्चा
आम तौर पर बजट दिन के पहले भाग में पेश किया जाता है, लेकिन इस बार यह शाम 4 बजे के आसपास पेश किया जाएगा। बजट रणनीति को उचित रूप देने के लिए सोमवार को सीएम ममता बनर्जी और वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने विधानसभा में एक बंद कमरे में बैठक की। सूत्रों के मुताबिक सीएम ने खुद बजट का समय तय किया। दरअसल 12 फरवरी का धार्मिक महत्व है क्योंकि यह 'माघी पूर्णिमा' का दिन है जो हिंदुओं के लिए बहुत शुभ है। कुछ विशेषज्ञों के अनुसार दिन के दूसरे भाग का महत्व शुभ होता है, यही कारण है कि मुख्यमंत्री राज्य का बजट दिन के दूसरे भाग में रखने को तैयार हैं।