

कोलकाता : कोलकाता एयरपोर्ट पर विदेशी मुद्रा काउंटरों (फॉरेक्स काउंटर) की कमी यात्रियों के लिए लगातार परेशानी का कारण बनी हुई है। यह ऐसी बुनियादी सुविधा है जो दुनिया के हर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर होती है। लेकिन पिछले ऑपरेटर द्वारा घाटे और ऊंचे किराए का हवाला देकर बीच में ही अनुबंध छोड़ देने के बाद, भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) की ओर से जारी दो नए टेंडरों को भी कोई कंपनी नहीं मिली है।
अब एयरपोर्ट अधिकारियों ने दिल्ली मुख्यालय को किराया और घटाने का अनुरोध भेजा है ताकि कोई कंपनी फॉरेक्स सेवा देने के लिए आगे आए। एयरपोर्ट के एक अधिकारी ने बताया, “जेनिथ फॉरेक्स ने 2023 में टेंडर जीता था और नवंबर 2023 में कोलकाता एयरपोर्ट के अंतरराष्ट्रीय विंग में चार काउंटरों के साथ संचालन शुरू किया था। लेकिन जुलाई 2025 में उन्होंने यह सेवा बंद कर दी।
तब से अब तक हमने दो बार—एक शॉर्ट टर्म और एक लॉन्ग टर्म—टेंडर निकाले और फीस 1.5 करोड़ रुपये से घटाकर करीब 1 करोड़ रुपये कर दी, फिर भी कोई इच्छुक कंपनी नहीं मिली। इसलिए अब मुख्यालय से फीस और घटाने का अनुरोध किया गया है।”
फॉरेक्स ऑपरेटरों ने यह कहा
फॉरेक्स ऑपरेटरों का कहना है कि टेंडर के लिए प्रतिक्रिया तभी मिलेगी जब फीस को आधा कर दिया जाए। एक ऑपरेटर ने कहा, कि अन्य मेट्रो शहरों के एयरपोर्ट की तुलना में कोलकाता में अंतरराष्ट्रीय यातायात सीमित है। इसलिए किराया भी व्यवसायिक अवसरों के अनुसार होना चाहिए। उन्होंने बताया कि चार काउंटरों को तीन शिफ्टों में चलाने के लिए कम से कम सात लोगों की जरूरत होती है।
जेनिथ फॉरेक्स के एक अधिकारी ने बताया कि कंपनी को 18 महीने बाद बाहर निकलने का फैसला करना पड़ा क्योंकि अगस्त 2024 में बांग्लादेश में हुए राजनीतिक उथल-पुथल और वीजा प्रतिबंधों के बाद वहां से आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या घट गई थी। अब जबकि बांग्लादेशी यात्रियों के वीजा फिर से शुरू हो गए हैं और छह साल बाद 26 अक्टूबर से चीन की पहली दैनिक उड़ान भी शुरू हो गई है, विदेशी मुद्रा की मांग बढ़ गई है। लेकिन अधिकृत मनी एक्सचेंजर न होने के कारण, कुछ दलाल यात्रियों को डॉलर, पाउंड, यूरो, बाहत और बांग्लादेशी टका ऊंचे कमीशन पर बेचने के लिए रोकते हैं।
यूएस डाॅलर की सबसे अधिक मांग
अब भी दुबई और थाईलैंड आने-जाने वाले यात्रियों से आधा कारोबार होता है। कोलकाता में अमेरिकी डॉलर की मांग सबसे ज्यादा है, उसके बाद थाई बाहत, यूएई दिरहम और युआन की। एक उद्योग विशेषज्ञ के मुताबिक, अब हवाई अड्डों पर फॉरेक्स कारोबार में गिरावट आई है क्योंकि लगभग 50% यात्री अब ट्रैवल कार्ड का इस्तेमाल करते हैं।
एक फॉरेक्स कंपनी के कर्मचारी ने बताया कि ट्रैवल कार्ड पर कमीशन कम होता है और इसे किसी भी मुद्रा में भुगतान के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि हमें भी ट्रैवल कार्ड जारी करने की अनुमति है, लेकिन इसे सक्रिय करने में कुछ घंटे लगते हैं, इसलिए यात्री इसे एयरपोर्ट आने से पहले ही खरीद लेते हैं।