सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए 10 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल, तेलंगाना और गुजरात में 13 स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। यह छापेमारी श्री गणेश ज्वेलरी हाउस (इंडिया) लिमिटेड और इससे जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ चल रही जांच के तहत की गई।
ईडी ने यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI), कोलकाता द्वारा दर्ज बैंक धोखाधड़ी मामले में शुरू की गई जांच के आधार पर की। कंपनी और इसके प्रमोटर्स पर 25 बैंकों के कंसोर्टियम से लगभग 2,672 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है।
जांच के अनुसार, वर्ष 2010-11 में कंपनी के प्रमोटर्स ने 160 करोड़ रुपये के बैंक लोन को कथित रूप से सौर ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश किया। लेकिन बाद में इन परियोजनाओं को पूर्व निदेशकों और करीबी सहयोगियों को बेच दिया गया, जिससे असली स्वामित्व को छिपाया जा सके। यह रणनीति बैंक की वसूली प्रक्रिया से बचने और अवैध रूप से अर्जित धन (Proceeds of Crime) को छिपाने के लिए अपनाई गई थी।
तलाशी के दौरान ईडी ने कई अहम दस्तावेज, डिजिटल रिकॉर्ड और अन्य आपत्तिजनक सामग्री जब्त की। इसके साथ ही संबंधित कंपनियों के कई बैंक खातों को ट्रेस कर फ्रीज भी किया गया। हालिया छापेमारी में करीब 33 करोड़ रुपये की अतिरिक्त रकम को फ्रीज किया गया है।
जांच में यह भी सामने आया कि इस घोटाले में चार्टर्ड अकाउंटेंट और कानूनी सलाहकारों समेत कई पेशेवरों ने फर्जी कंपनियों का जाल बुनने और धन शोधन में मदद की।
गौरतलब है कि इस मामले में पहले ही 193 करोड़ रुपये की संपत्तियां अस्थायी रूप से अटैच की जा चुकी हैं और ईडी ने अदालत में चार्जशीट (प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट) भी दाखिल की है। जांच अभी जारी है और आने वाले समय में और गिरफ्तारियां व संपत्ति जब्ती की संभावना जताई जा रही है।