फ्लाइट में पावर बैंक अलर्ट : एयरपोर्ट सख्त करेगा सुरक्षा नियम

फ्लाइट में पावर बैंक अलर्ट : एयरपोर्ट सख्त करेगा सुरक्षा नियम
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नेहा, सन्मार्ग संवाददाता

कोलकाता : फ्लाइट में पावर बैंक को लेकर अब एयरपोर्ट अलर्ट मोड में है। यात्रियों को फ्लाइट के दौरान मोबाइल फोन चार्ज करने के लिए पावर बैंक के इस्तेमाल रोकने के लिए कोलकाता एयरपोर्ट और एयरलाइन अधिकारी अब नए सुरक्षा उपाय लागू करने की तैयारी में हैं। यह फैसला दुनियाभर में पावर बैंक से जुड़ी उड़ानों में आग लगने की घटनाओं के बाद लिया जा रहा है। अब सीट के पास या सामने वाली सीट के नीचे रखे बैग में रखने और ओवरहेड बिन में नहीं रखने जैसे नियम लागू करने का फैसला जल्द लिया जा सकता है। एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि अतिरिक्त जांच व्यवस्था और सार्वजनिक घोषणाओं के जरिए यात्रियों को जल्द यह याद दिलाया जाएगा कि पावर बैंक को चेक-इन लगेज में रखना सख्त मना है और इसे केवल हैंड बैगेज में ही ले जाना चाहिए। अब इसके लिए और भी सख्त सुरक्षा प्रोटोकॉल बनाए जा रहे हैं।

इन घटनों के बाद अलर्ट पर

19 अक्टूबर को दिल्ली एयरपोर्ट पर डिमापुर (नगालैंड) जाने वाली एक उड़ान में टैक्सींग के दौरान एक यात्री के पावर बैंक में आग लग गई थी। इससे पहले, चीन के हांगझोउ से दक्षिण कोरिया के सियोल जा रही एयर चाइना की एक उड़ान के ओवरहेड कम्पार्टमेंट में लिथियम-आयन बैटरी में आग लगने की वजह से विमान को शंघाई की ओर मोड़ना पड़ा था। जनवरी में, एयर बुसान की एक उड़ान में पावर बैंक की वजह से आग लगने की आशंका जताई गई थी, जिसमें 176 यात्री सवार थे। इसी साल, हांगझोउ से हांगकांग जा रही हांगकांग एयरलाइंस की एक उड़ान में उड़ान भरने के 15 मिनट बाद ही ओवरहेड कम्पार्टमेंट में पावर बैंक से आग लग गई थी। कोलकाता से उड़ान भरने वाली अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों में से एमिरेट्स ने इस महीने से ही उड़ान के दौरान पावर बैंक के उपयोग पर रोक लगा दी है और केवल एक पावर बैंक (100 वाट-घंटे से कम क्षमता वाला, जिस पर स्पष्ट लेबल हो) रखने की अनुमति दी है।

करीब 70% नियमित यात्री पावर बैंक रखते हैं

एयरपोर्ट पर तैनात एक सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि यात्रियों को दुनियाभर में हैंड बैगेज में पावर बैंक ले जाने की अनुमति है, इसलिए डीजीसीए के इसके पूर्ण प्रतिबंध की संभावना कम है। उन्होंने कहा, “करीब 70% नियमित यात्री पावर बैंक रखते हैं। अगर किसी खास ब्रांड के पावर बैंक में खतरे की संभावना पाई जाती है, तो उस पर अलग से रोक लगाई जा सकती है—जैसे 2016 में सैमसंग गैलेक्सी नोट 7 पर ओवरहीटिंग और धमाके की घटनाओं के बाद वैश्विक प्रतिबंध लगाया गया था। लेकिन तब भी सभी मोबाइल फोनों पर रोक नहीं लगी थी।” एयरलाइन अधिकारियों के मुताबिक, रजिस्टर्ड लगेज (चेक-इन बैग) में बैटरी रखने पर पहले से ही प्रतिबंध है क्योंकि कार्गो होल्ड में तापमान नियंत्रित नहीं रहता, जिससे आग लगने का खतरा रहता है। एक एयरलाइन अधिकारी ने कहा, “डीजीसीए संभवतः उड़ान के दौरान पावर बैंक के इस्तेमाल को सीमित करने संबंधी सलाह जारी कर सकता है।”

दुनियाभर की कई एयरलाइनों ने पहले ही नियम सख्त कर दिए हैं। कुछ अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों ने उड़ान के दौरान पावर बैंक के उपयोग पर रोक लगाई है और सीट चार्जिंग पोर्ट से इन्हें चार्ज करने पर भी प्रतिबंध लगाया है। कुछ अन्य एयरलाइनों ने यात्रियों से कहा है कि वे पावर बैंक अपने पास रखें, ओवरहेड बिन में न रखें, और जरूरत पड़ने पर केबिन क्रू को दिखाएं। भारत में DGCA हाल के घरेलू हादसों और अंतरराष्ट्रीय घटनाओं के बाद तकनीकी रिपोर्टों की समीक्षा कर रहा है और सख्त नियमों पर विचार कर रहा है। एक एयरपोर्ट अधिकारी ने कहा, “एक भी लिथियम-आयन बैटरी की खराबी बंद केबिन माहौल में बड़ा खतरा बन सकती है। यह केवल तकनीकी समस्या नहीं, बल्कि विमानन सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मुद्दा है, जिसके लिए नियामक, परिचालन और जन-जागरूकता स्तर पर समन्वित कदम जरूरी हैं। आने वाले महीनों में इस दिशा में औपचारिक दिशानिर्देश और संभवतः नए नियम लागू हो सकते हैं।”

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