पुराने स्कूल में ही नियुक्ति की अपील खारिज

योग्य टीचर की हाई कोर्ट में याचिका पुराने विभाग का अर्थ पुराना स्कूल नहीं होता : जज
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कोलकाता : योग्य टीचर की तरफ से दायर एक याचिका को हाई कोर्ट की जस्टिस अमृता सिन्हा ने खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने उनके लिए पुरानी सर्विस में लौट जाने का विकल्प दिया है। इस तरह उन्हें नयी नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल हो कर जोखिम नहीं उठाना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 2016 की नियुक्ति प्रक्रिया को खारिज करते हुए कक्षा 9, 10,11 और 12 के टीचरों की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था।

इसके साथ ही कहा था कि योग्य टीचर अपनी पुरानी सर्विस में लौट सकते हैं और यह सर्विस ब्रेक में नहीं आएगा। इसी का हवाला देते हुए मिताली मिड्डा ने याचिका दायर की थी। इससे पहले वे दक्षिण 24 परगना के ठाकुरपुकुर में ब्रतचारी विद्याश्रम में टीचर के पद पर कार्यरत थीं। नियुक्ति प्रक्रिया खारिज किए जाने के कारण जब नौकरी चली गई तो उन्होंने दक्षिण 24 परगना वाले स्कूल में नियुक्ति के लिए आवेदन किया था।

इस बाबत बोर्ड ने जो सूची सुप्रीम कोर्ट में पेश की थी उसमें इनका नाम भी था। पर एसएससी ने उनकी नियुक्ति मालदह के चांचल के एक स्कूल में कर दी। इसके खिलाफ उन्होंने याचिका दायर की थी। राज्य सरकार की दलील थी कि उन्हें नौकरी पर वापस लेने का आदेश दिया गया है। नियुक्ति पत्र में पुराने स्कूल का जिक्र सिर्फ पहचान के लिए किया गया है।

जस्टिस सिन्हा ने अपने आदेश में कहा है पीटिशनर को सिर्फ एक ही नियुक्ति पत्र दिया गया है। ऐसा नहीं है कि उन्हें दक्षिण 24 परगना वाले स्कूल में नियुक्त किए जाने के बाद मालदह में तबादला कर दिया गया है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी नियुक्ति शिक्षा विभाग में की गई थी और इसी विभाग में उन्हें वापस लिया गया है। लिहाजा इस मामले में हाई कोर्ट के दखल देने की कोई गुजाइश नहीं है

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