

प्रसेनजीत, सन्मार्ग संवाददाता
कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने अपने डिजिटल और सोशल मीडिया प्रचार को और मजबूती देने के लिए एक नया अभियान शुरू किया है। इस अभियान का नाम रखा गया है ‘मैं बंगाल का डिजिटल योद्धा’ जो तृणमूल कांग्रेस के दूसरे शीर्ष नेता तथा पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव-सांसद अभिषेक बनर्जी की परिकल्पना है। अभियान के तहत एक विशेष वेबसाइट बनाई गई है, जहां इच्छुक लोग अपने नाम, फोन नंबर, जिले और विधानसभा क्षेत्र की जानकारी दर्ज कर सकते हैं और ‘डिजिटल योद्धा’ बन सकते हैं।
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गुरुवार कों अभिषेक बनर्जी ने अभियान की शुरुआत करते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो संदेश भी साझा किया। वीडियो में उन्होंने कहा, आज लड़ाई केवल सड़क या संसद तक सीमित नहीं रही, सोशल मीडिया और डिजिटल दुनिया भी संघर्ष का मैदान बन गया है। अभिषेक ने कहा, बंगाल को आज बाहरी बंगाल-विरोधी ज़मींदारों द्वारा बदनाम, अपमानित और कलंकित किया जा रहा है, जो झूठ और प्रोपेगेंडा पर फलते-फूलते हैं, खासकर डिजिटल मंचों पर, जहाँ अब यह लड़ाई तेज़ी से चल रही है। अब हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम बंगाल के अधिकार, गरिमा और सच्चाई की रक्षा करें — स्पष्टता और विश्वास के साथ जवाब दें। इसी उद्देश्य से शुरू हुआ 'मैं बंगाल का डिजिटल योद्धा', एक जन-आधारित, युवाओं द्वारा संचालित डिजिटल आंदोलन — जो बंगाल की पहचान की रक्षा करेगा, उसकी सच्चाई को कायम रखेगा और गर्व व प्रगति का संदेश भारत और पूरी दुनिया तक पहुँचाएगा। हर उस युवा से मेरा आह्वान है जो बंगाल को बदनाम नहीं होने देना चाहता — यह आपका बुलावा है।
अभिषेक ने ‘डिजिटल योद्धा’ बनने वाले प्रत्येक व्यक्ति को ‘सेना’ का हिस्सा बताया। इस रणनीति के जरिए तृणमूल कांग्रेस डिजिटल प्रचार को 2026 के चुनावों से पहले और अधिक पेशेवर और संगठित बनाना चाहती है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, बूथ स्तर पर प्रत्येक 10 लोगों को ‘डिजिटल योद्धा’ बनाने की योजना है। अभियान में तकनीकी रूप से कुशल युवा और नवोदित पीढ़ी को प्राथमिकता दी जाएगी। इस अभियान में वीडियो बनाने, ग्राफिक डिज़ाइन में दक्ष और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर राजनीतिक संदेश प्रभावी ढंग से फैलाने वाले लोग शामिल हो सकते हैं। तृणमूल कांग्रेस की योजना है कि पार्टी द्वारा तय किए गए संदेश को सोशल मीडिया पर प्रभावी तरीके से फैलाने के लिए संगठनबद्ध और नियंत्रित डिजिटल प्रचार को मजबूत किया जाए। यह अभियान स्पष्ट रूप से बताता है कि तृणमूल कांग्रेस सोशल मीडिया को चुनावी रणनीति का महत्वपूर्ण हथियार बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रही है, जैसे पहले भाजपा ने 2014 के लोकसभा चुनाव में किया था।