CBI अधिकारी बनकर 78 लाख की ठगी

एक व्यक्ति ने खुद को डीसीपी रैंक का अधिकारी बताकर कहा कि उनके नाम से भेजे गये एक पार्सल में 200 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स और अन्य अवैध सामग्री मिली है...
CBI अधिकारी बनकर 78 लाख की ठगी
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कोलकाता : मानिकतल्ला थानांतर्गत कांकुड़गाछी इलाके की एक महिला को मादक पदार्थ का पार्सल भेजने के आरोप में गिरफ्तारी का भय दिखाकर लाखों रुपये ठग लेने का मामला सामने आया है। घटना की जांच कर रही कोलकाता पुलिस के साइबर क्राइम थाना की टीम ने इस ठगी में शामिल तीन लोगों को गुजरात से गिरफ्तार किया है।

अभियुक्तों के नाम वारू रविकांत गोकलबाई (37), सोंदरव जिलेश नरेन्द्रभाई (21) और चंदेरा विपुलकुमार कनाभाई (35) हैं। पुलिस ने वारू और सोंदरव को 14 नवंबर को उपलेटा इलाके से तथा चंदेरा को 16 नवंबर को राजकोट थाना इलाके से गिरफ्तार किया। पुलिस ने अभियुक्तों के पास से तीन मोबाइल फोन, पाँच बैंक पासबुक और एक डेबिट कार्ड बरामद किया।

क्या है पूरा मामला

पुलिस सूत्रों के अनुसार, दीपान्विता धर (61) नामक महिला ने थाने में शिकायत दर्ज करायी थी। शिकायत के अनुसार, पिछले साल 9 मार्च को उन्हें एक कॉल प्राप्त हुआ, जिसमें कर्ता ने खुद को मुंबई के अंधेरी पूर्व स्थित एक निजी कूरियर कंपनी का कर्मचारी बताया और कहा कि उनका एक पार्सल रद्द कर दिया गया है। रोजाना ऑनलाइन खरीददारी करने वाली शिकायतकर्ता को यह कॉल वास्तविक लगी।

कुछ समय बाद उन्हें पुनः एक फोन आया, जहां एक व्यक्ति ने खुद को डीसीपी रैंक का अधिकारी बताकर कहा कि उनके नाम से भेजे गये एक पार्सल में 200 ग्राम एमडीएमए ड्रग्स और अन्य अवैध सामग्री मिली है, जिसे मुंबई से एक व्यक्ति झांग के नाम पर भेजा जा रहा था। उसने दावा किया कि इस कार्य में उनके आधार कार्ड का उपयोग किया गया है और उनके खिलाफ मामला दर्ज हो चुका है। इसके बाद ठगों ने कहा कि उनके बैंक खातों में संदिग्ध गतिविधियां पायी गयी हैं और मामला सुलझाने के लिए उन्हें आरबीआई के नाम पर ‘सिक्योरिटी डिपॉज़िट’ जमा करना होगा।

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