कोलकाता में दो दिनों में 3,000 दुर्गा प्रतिमाओं का विसर्जन

मेयर फिरहाद हकीम ने किया बाजेकदमतल्ला घाट का निरीक्षण
हुगली नदी में प्रवाहित दुर्गा प्रतिमा
हुगली नदी में प्रवाहित दुर्गा प्रतिमा
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कोलकाता : महानगर में इस वर्ष दुर्गा पूजा के पश्चात विसर्जन प्रक्रिया ने एक नया मानदंड स्थापित किया है जहां परंपरा, तकनीक, सुरक्षा और सफाई का उत्कृष्ट समन्वय देखने को मिला। गुरुवार और शुक्रवार, दो दिनों में महानगर में लगभग 3,000 दुर्गा प्रतिमाओं का शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रूप से विसर्जन किया गया। कोलकाता नगर निगम (केएमसी) और कोलकाता पुलिस के संयुक्त प्रयासों से इस प्रक्रिया को सुरक्षित, पर्यावरण-संवेदनशील और व्यवस्थित ढंग से अंजाम दिया गया।

क्रेन और जेसीबी की सहायता से मलबा हटाया गया

महानगर के कुल 18 हुगली घाटों और 6 जलाशयों में प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। प्रमुख घाटों जैसे बाजेकदमतल्ला, निमतल्ला, जजेस घाट और दई घाट पर बड़ी प्रतिमाओं के विसर्जन के लिए क्रेन और हेवी लिफ्टिंग मशीनों की सहायता ली गई। विसर्जन के तुरंत बाद केएमसी की ओर से तैनात ट्रकों और जेसीबी मशीनों की सहायता से नदी में प्रवाहित प्रतिमाओं के ढांचों और सजावटी अवशेषों को एकत्र कर धापा लैंडफिल साइट भेजा गया।

मेयर फिरहाद हकीम साथ में हैं केएमसी आयुक्त धवल जैन
मेयर फिरहाद हकीम साथ में हैं केएमसी आयुक्त धवल जैन

मेयर ने व्यवस्था का लिया जायजा

शुक्रवार की दोपहर मेयर फिरहाद हकीम ने बाजेकदमतल्ला घाट का दौरा कर विसर्जन व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। मेयर ने बताया कि इस वर्ष विसर्जन प्रक्रिया बेहद सुचारु रूप से चल रही है। निगम के कर्मचारी न सिर्फ विसर्जन में सहयोग कर रहे हैं बल्कि घाटों की सफाई और मलबा निष्कासन में भी तत्पर हैं। उन्होंने घाट पर मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी श्रद्धालु या पूजा समिति को असुविधा न हो और साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाए।

रात्रिकालीन विसर्जन हेतु विशेष लाइटिंग

अधिकांश पूजा समितियों द्वारा रात के समय विसर्जन किया जा रहा है, ऐसे में केएमसी ने घाटों पर अतिरिक्त लाइटिंग की व्यवस्था की है। सभी प्रमुख घाटों, तालाबों और आस-पास के इलाकों में एलईडी लाइट्स, फ्लड लाइट्स और पोर्टेबल टावर लाइट्स की स्थापना की गई है, जिससे विसर्जन कर्मियों और आम लोगों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।

प्रतिमा के अवशेष को निकालता क्रेन
प्रतिमा के अवशेष को निकालता क्रेन

सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम

विसर्जन के दौरान किसी प्रकार की अव्यवस्था न हो, इसके लिए कोलकाता पुलिस की ओर से विशेष सुरक्षा योजना व्यवस्था की गई थी। घाटों पर पुलिस बल के अलावा डाइवर्स और रिवर पुलिस तैनात किए गए हैं। साथ ही, बाजेकदमतल्ला घाट पर एक वॉच टावर भी स्थापित किया गया है। घाटों पर केवल अधिकृत विसर्जन कर्मियों और सीमित संख्या में पूजा समितियों के सदस्यों को ही प्रवेश की अनुमति थी।

इलेक्ट्रॉनिक रैंप से छोटी प्रतिमाओं का विसर्जन

इस वर्ष ग्वालियर घाट पर एक अभिनव प्रयोग के तहत केएमसी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक रैंप स्थापित किया गया है। इस तकनीक के जरिए छोटी प्रतिमाओं को रैंप पर रखकर उन्हें सीधे नदी में प्रवाहित किया गया। मेयर ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा, 'यह एक बहुत अच्छी शुरुआत है। भविष्य में इस तरह की रैंप व्यवस्था अन्य घाटों पर भी लागू की जाएगी ताकि विसर्जन प्रक्रिया और अधिक सुविधाजनक व पर्यावरण अनुकूल हो सके।' केएमसी सूत्रों के अनुसार, प्रतिमा विसर्जन की प्रक्रिया आगामी रविवार तक जारी रहेगी। इस दौरान लगभग 4,000 से अधिक प्रतिमाओं के विसर्जन की संभावना है। निगम और पुलिस प्रशासन ने इसी अनुरूप अतिरिक्त संसाधन और कर्मियों की तैनाती का निर्णय लिया है।

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