170 करोड़ रुपये क्रिप्टो में विदेश भेजे गये

रिटायर्ड बैंक अधिकारी से 93 लाख की ठगी के मामले में हुई जांच से खुलासा
Cyber crime wing Kolkata
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कोलकाता : राज्य पुलिस की साइबर क्राइम विंग ने 317 करोड़ रुपये की बड़ी साइबर धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया है। इसमें से अकेले 170 करोड़ रुपये क्रिप्टो करेंसी के जरिए विदेश भेजे गए। पुलिस का दावा है कि दक्षिण कोलकाता के प्रमुख उद्योगपति इस मामले में शामिल हैं। जांच के तहत पुलिस ने उनके बालीगंज स्थित घर, पार्क सर्कस में सैयद अमीर अली एवेन्यू वाले कार्यालय और पार्क स्ट्रीट स्थित दूसरे दफ्तर पर छापेमारी की।

तीनों जगहों से पुलिस ने छह मोबाइल फोन, एक मैकबुक, 10 लैपटॉप, हार्ड डिस्क व सर्वर, सात वाई-फाई राउटर, बड़ी संख्या में पैन कार्ड, चेकबुक, बैंक पासबुक, 12 पेन ड्राइव और शेल कंपनियों व फर्जी फर्मों से जुड़े ढेर सारे दस्तावेज बरामद किये। खास बात यह है कि कई सिम कार्ड भी मिले, जिनमें दुबई सहित विदेशी सिमों की अच्छी-खासी तादाद थी। पुलिस को पूरा विश्वास है कि ठगी के पैसे उद्योगपति के माध्यम से विदेशों में भेजे गये।

लंदन जाने से पहले दिल्ली से एक गिरफ्तार

एक नवंबर को जांचकर्ताओं ने दिल्ली एयरपोर्ट से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया, जो दुबई से लंदन जा रहा था। जांच में पता चला कि फर्जी कंपनियों का बड़ा हिस्सा एक ही पते पर दर्ज है। इनके जरिए भारी रकम किराए के खातों में ट्रांसफर की गई। कुल 317 करोड़ में से करीब 170 करोड़ क्रिप्टो करेंसी के माध्यम से विदेश भेजे गए।

पांच नवंबर को बैरकपुर कमिश्नरेट साइबर क्राइम थाने में इसी सिलसिले में एक और शिकायत दर्ज हुई। इसी सूत्र से जांचकर्ताओं को उद्योगपति का लिंक मिला। पुलिस ने बताया कि उनकी कंपनी के जरिए ठगी का पैसा निकाला जा रहा था, इसलिए घर-दफ्तर पर तलाशी ली गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है।

रिटायर्ड बैंक अधिकारी से 93 लाख की ठगी के मामले में शुरू हुई थी जांच

मामला न्यू टाउन के एक सेवानिवृत्त वरिष्ठ बैंक अधिकारी से जुड़ा है। पिछले साल अप्रैल में उन्होंने विधाननगर कमिश्नरेट के साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई। 2023 में उन्हें व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया और शेयरों में निवेश पर भारी मुनाफे का लालच दिया गया।

ठगों ने विश्वास जीतने के लिए फर्जी मोबाइल ऐप और वेबसाइट बनाकर भेजी। पीड़ित जाल में फंस गए और निवेश शुरू कर दिया। शुरुआत में ठगों ने कुछ लाभांश भी भेजे। नवंबर 2023 से जनवरी 2024 के बीच उन्होंने किस्तों में 93 लाख रुपये निवेश किए। राज्य पुलिस की साइबर क्राइम विंग ने धीरे-धीरे बिधाननगर थाने से जांच अपने हाथ में ले ली।

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