नई दिल्ली: वर्तमान दौर में मोबाइल फोन के माध्यम से लोग देश-दुनिया की जानकारी मिनटों में ले सकते हैं। जबकि पहले एक समय ऐसा था जब देश दुनिया से जुड़ी तमाम जानकारियों का एक बड़ा साधन रेडियो था। भारत में अगर रेडियो की बात करें तो यहां अंग्रेजों के जमाने में रेडियो के माध्यम से नागरिकों तक सूचनाओं को पहुंचाने का काम किया गया। इतना ही नहीं, 15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ, तो इसकी घोषणा भी रेडियो पर ही की गई थी। समय बीतने के साथ-साथ टीवी, लैपटॉप, इंटरनेट, मोबाइल फोन जैसे तमाम साधन आ गए। रेडियो की जगह FM रेडियो लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन गया। हर साल 13 फरवरी को वर्ल्ड रेडियो डे (World Radio Day) के तौर पर मनाया जाता है। आपको बताते हैं इससे जुड़ी रोचक जानकारी।
रेडियो दिवस का इतिहास
साल 2010 में स्पेन रेडियो अकादमी ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। इसके बाद साल 2011 में यूनेस्को के सदस्य देशों ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और आधिकारिक रूप से पहली बार 13 फरवरी 2012 को रेडियो दिवस मनाया गया।
कैसे चुनी गई 13 फरवरी की तारीख?
बता दें कि 13 फरवरी सन 1946 में संयुक्त राष्ट्र रेडियो की शुरुआत हुई थी। इस वजह से अंतरराष्ट्रीय रूप से रेडियो दिवस मनाने के लिए 13 फरवरी की तारीख को चुना गया। इसे संयुक्त राष्ट्र रेडियो की वर्षगांठ के तौर पर सेलिब्रेट किया जाता है। हर साल इस दिन की एक थीम निर्धारित होती है। इस साल 2024 की थीम है- ‘Radio: A century of informing, entertaining and educating’.