महिला को चढ़ी अजीब सनक, घर का सारा सामान फेंक आई बाहर, बर्तन तक … | Sanmarg

महिला को चढ़ी अजीब सनक, घर का सारा सामान फेंक आई बाहर, बर्तन तक …

डेनमार्क : अक्सर कहा जाता है भौत‍िकवादी चीजों की चाहत सभी दुखों का कारण है। इनसे जितनी दूरी बनाकर रखेंगे, उतना ही खुश रहेंगे। एक मह‍िला यही सोचकर घर की 1000 चीजें दान कर आई। इनमें ज्‍वैलरी, सोफे, बर्तन, कपड़े, झूमर समेत कई जरूरी चीजें थीं। अब उसका इतना सारा सामान नष्‍ट हो गया है कि मेहमानों को कागज की प्‍लेट में खाना देना पड़ रहा है।

डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, डेनमार्क की रहने वाली 39 वर्षीय डैगबजॉर्ट जोन्सडॉटिर पहले बहुत सारा सामान खरीदती थीं, लेकिन 10 साल पहले उन्‍होंने देखा कि इन सामानों की वजह से घर में अव्‍यवस्‍था फैल गई है। उन्‍हें सही रखने में ही सारा समय नष्‍ट हो जाता है। फ‍िर उसने न्‍यूनतमवाद को अपनाना शुरू कर दिया। बीते एक दशक से हर हफ्ते अपने घर से कम से कम 2 चीजें हटा रही है। अब तक उसने सोफे, झूमर रोशनी, बर्तन, चश्मा, मग, कपड़े, तौलिए और बहुत कुछ अलविदा कह दिया है।

बच्चों की फोटो तक नहीं रखती
मह‍िला ने बताया कि वह अपने बच्चों की फोटो तक नहीं रखती। इसके बजाय तस्‍वीरों को डिजिटल रूप में रखती है ताकि जब जरूरत हो तब मिल जाए। डैगबजॉर्ट ने वह सब कुछ हटा दिया है जो उसके दादा-दादी और माता-पिता ने उसके लिए छोड़ा था। इसमें पुराने कपड़े और आभूषण तक शामिल हैं क्योंकि उसे उनकी कोई जरूरत नहीं दिखती। परिवार के पास कटलरी और प्लेटों का केवल एक सेट है। दो बच्चों की मां डैगबजॉर्ट का कहना है कि उन्हें और उनके परिवार को जल्दी ही अपने मूड में बदलाव नजर आने लगा और वे कम चीजें पाकर ज्यादा खुश रहने लगे। बच्चे खिलौनों के साथ खेलने की तुलना में समुद्र तट पर जाना पसंद करते हैं।
एक फ्रीलांस मार्केटर डैगबजॉर्ट ने कहा, मैं दुनिया के कई देशों में रही हूं। मुझे लगता है कि जीने के लिए बहुत सारी चीजों की जरूरत नहीं। मैंने यह प्रयोग लगभग 10 साल पहले शुरू किया था, जब मैं हर दिन घर जाती थी और उन सभी चीजों को देखती थी जिनकी मुझे आवश्यकता नहीं थी, तो मैं परेशान हो जाती थी। मैंने प्रति सप्ताह दो वस्तुओं को व्यवस्थित करने की योजना बनाई और 2 साल बाद मुझे एहसास हुआ कि यह प्रयोग कितना मजेदार है। मुझे अपने और अपने परिवार में बहुत सारे बदलाव नजर आने लगे। हम बहुत ज्यादा खुश थे क्योंकि हमने बहुत कुछ से छुटकारा पा लिया है। जब हमारे घर मेहमान आते हैं तो हम कागज की प्लेटों में खाना खाते हैं।

केवल एक तौल‍िया, बहुत ड्रेस भी नहीं
डैगबजॉर्ट ने कहा, हमारे पास केवल एक-एक तौलिया है और हमारे पास बहुत सारे कपड़े नहीं हैं। बस कुछ ड्रेस हैं। इस तरीके ने मेरे पर‍िवार में खुशियों के रंग भर दिए हैं। अब हम एक दूसरे को ज्‍यादा समय दे पाते हैं। ज्‍यादा बातचीत कर पाते हैं। आप अपने बच्चों के साथ बारिश में कूदने का आनंद ले सकते हैं और हर छोटी-छोटी चीजों में अपनी खुशी ढूंढ सकते हैं।

 

Visited 197 times, 1 visit(s) today
शेयर करे
0
0

Leave a Reply

ऊपर