ठाणे : डोंबिवली में स्थित ‘अमुदान केमिकल्स’ में काम करने वाली अपनी पत्नी को पागलों की तरह ढूंढ रहे अमित खानविलकर को इलाके के शास्त्री नगर अस्पताल से फोन आया और उन्हें अस्पताल पहुंचने को कहा गया। अमित जब अस्पताल पहुंचे तो वहां दो महिलाओं के शव देखकर उनके हाथ-पांव फूल गये। ये दोनों शव इतनी बुरी तरह से झुलसे हुए थे, जिन्हें पहचाना मुश्किल था। किसी तरह से उन्होंने खुद को संभाला और शव को सिर से पैर तक देखा। अमित ने अस्पताल में संवाददाताओं से कहा कि उन दो शवों में से एक के हाथ की अंगुली में अंगूठी को देखकर वह अपनी सुध-बुध खो बैठे।
बता दें कि अंगुली में अंगूठी को देखने के बाद अमित को यह विश्वास हो गया कि यह उसकी पत्नी रिद्धी अमित खानविलकर का ही शव है। रिद्धी का एक 12 साल का बेटा है। रिद्धी डोंबिवली एमआईडीसी के फेज 2 में स्थित ‘अमुदान केमिकल्स’ में काम करती थी। फैक्टरी में गुरुवार को हुए विस्फोट में नौ लोगों की मौत हो गयी और 60 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। रिद्धी ने सिर्फ तीन महीने पहले ही कंपनी के लेखा विभाग में नौकरी शुरू की थी। पालघर की एक लैब में काम करने वाले अमित (42) ने कहा कि जब उसे विस्फोट के बारे में सूचना मिली तो वह डोंबिवली के मानपाड़ा इलाके में स्थित अपने घर पर था। अमित ने कहा कि उन्होंने रिद्धी को फोन किया लेकिन उसका फोन नहीं मिला। उन्होंने कहा ‘मैंने अपने दोस्तों को सूचना दी और सोशल मीडिया पर उसकी तस्वीरें प्रसारित कीं।’ अमित ने कहा कि उसे शास्त्री नगर सरकारी अस्पताल से फोन आया, जहां उन्हें दो झुलसे हुए शव दिखाये गये। उन्होंने रिद्धी के शव की पहचान उनकी अंगुली में सोने की अंगूठी को देखने के बाद की। अमित ने कहा कि इस विस्फोट ने उनकी दुनिया उजाड़ दी। रिद्धी के साथ काम करने वाली रोहिणी कदम (23) के परिवार ने भी अस्पताल में उसके शव की पहचान की। रोहिणी मानपाडा के अज्दे गांव में अपने परजिनों के साथ रहती थी। परिवार के गमगीन सदस्यों ने कहा कि रोहिणी और रिद्धी ने बिना किसी गलती के अपनी जान गंवा दी।