क्या है TTS? कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने बताया वैक्सीन का काला सच

क्या है TTS? कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने बताया वैक्सीन का काला सच
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कोलकाता : 2020 में तेजी से बढ़ते कोविड-19 संक्रमण के मामलों और इससे होने वाली मौतों को रोकने के लिए दुनिया की दवा कंपनियां इसकी वैक्सीन तैयार करने की कोशिश में जुट गईं। जिसमें से दो कंपनियों की बनाई वैक्सीन पर भारत ने भरोसा जताया। इसमें ब्रिटेन की फार्मास्युटिकल कंपनी एस्ट्राजेनेका और भारत बायोटेक की स्वदेशी कंपनी शामिल थी। बता दें कि दुनिया के सबसे बड़े टीकाकरण अभियान के तहत 2022 तक 1.7 अरब लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन लगाई गई, जो कोवैक्सिन के टीकाकरण से कई गुना ज्यादा है। कोविशील्ड वैक्सीन लगने के बाद इसके साइड इफेक्ट्स को लेकर कई बार मुद्दे उठे, लेकिन कंपनी ने कभी इसे घातक नहीं माना। लेकिन अब एस्ट्राजेनेका ने कोर्ट के सामने माना है कि TTS कोविशील्ड का एक दुर्लभ साइड इफेक्ट है। जिससे जान भी जा सकती है।

TTS क्या है?

TTS का पूर्ण रूप थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम है। इसमें शरीर का खून गाढ़ा हो जाता है, जिससे थक्का बनने लगता है। साथ ही प्लेटलेट्स भी कम होने लगते हैं। डरावनी बात यह है कि यह खून का थक्का मुख्य रूप से मस्तिष्क और पेट में बनता है।

कोविशील्ड टीकाकरण के बाद ये लक्षण दिखना है खतरनाक

अगर आपने कोविशील्ड वैक्सीन लगवाई है और इससे आपको थ्रोम्बोसिस थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम हुआ है तो शरीर में निम्नलिखित लक्षण दिख सकते हैं-

– गंभीर या लगातार सिरदर्द

– धुंधली दृष्टि

– सांस लेने में कठिनाई

– छाती में दर्द

– पैर में सूजन

– लगातार पेट दर्द होना

– त्वचा के नीचे आसान चोट या छोटे खून के धब्बे

टीकाकरण के इतने दिनों बाद दिख सकते हैं लक्षण

अमेरिकन सोसाइटी ऑफ हेमेटोलॉजी के अनुसार, यदि टीकाकरण के 4-42 दिनों के भीतर आपको सांस लेने में परेशानी, गंभीर सिरदर्द, देखने में परेशानी, पीठ दर्द, पेट दर्द, आसानी से चोट या रक्तस्राव, मतली, उल्टी, पैर में दर्द या सूजन होती है। यदि ऐसे लक्षण दिखाई देते हैं, तो यह TTS का संकेत हो सकता है, जिसके लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ द्वारा तत्काल जांच की आवश्यकता होती है।

TTS बन सकता है इन घातक बीमारियों का कारण

TTSसे दिल का दौरा, स्ट्रोक, मस्तिष्क क्षति जैसी घातक बीमारियों का खतरा बहुत बढ़ जाता है। आपको बता दें कि ब्रिटेन के रहने वाले जेमी स्कॉट भी इस वैक्सीन के कारण ब्रेन डैमेज का शिकार हो गए थे। इसके बाद ही उन्होंने एस्ट्राजेनेका की बनाई कोविशील्ड वैक्सीन पर कोर्ट में सवाल उठाए और कंपनी को अपनी गलती माननी पड़ी।

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