देश के विभिन्न राज्यों के किसानों को उपलब्ध होगा गुणवत्तापूर्ण मखाना बीज

नयी दिल्ली में कृषि मंत्रालय में हुई राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की बैठक में लिए गए निर्णय
मखाना
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पटना/नयी दिल्ली : राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की पहली बैठक में केंद्रीय मखाना विकास योजना और बोर्ड के क्रियान्वयन की प्रक्रिया औपचारिक रूप से शुरू की गई। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी।

नयी दिल्ली में शुक्रवार को कृषि मंत्रालय में हुई इस बैठक में निर्णय लिया गया कि देश के विभिन्न राज्यों की बीज आवश्यकताओं का संकलन कर किसानों को गुणवत्तापूर्ण मखाना बीज उपलब्ध कराया जाएगा।

सूत्रों के अनुसार बैठक में इस वर्ष और आगामी वर्षों के लिए प्रमाणित एवं गुणवत्ता युक्त बीजों की आपूर्ति सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी बिहार के सबौर स्थित कृषि विश्वविद्यालय तथा अन्य शोध संस्थानों को देने का फैसला किया गया। इसके अलावा राज्य कृषि विश्वविद्यालय, केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय तथा दरभंगा स्थित राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र (एनआरसी मखाना) को विभिन्न राज्यों के प्रशिक्षकों को मखाना मूल्य श्रृंखला की नवीन तकनीकों पर प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी सौंपी गई।

बैठक के दौरान राज्यों और अनुसंधान संस्थानों द्वारा प्रस्तुत वार्षिक कार्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के सचिव डॉ. देवेश चतुर्वेदी की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में बिहार कृषि विभाग के प्रधान सचिव पंकज कुमार, बिहार कृषि विश्वविद्यालय सबौर के कुलपति डॉ. डी. आर. सिंह सहित विभिन्न राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

बोर्ड ने मखाना की आवश्यकता-आधारित अनुसंधान को बढ़ावा देने, उन्नत खेती एवं प्रसंस्करण तकनीक विकसित करने, ग्रेडिंग, ड्राइंग, पॉपिंग और पैकेजिंग के लिए बुनियादी ढांचा स्थापित करने के निर्णय को मंजूरी दी। इसके साथ ही मूल्य संवर्धन, ब्रांडिंग, बाजार संबंध तथा निर्यात अवसरों को सुदृढ़ करने पर भी जोर दिया गया। विभिन्न घटकों के लिए बजट आवंटन को भी स्वीकृति प्रदान की गई।

मखाना उत्पादन बढ़ाने, तकनीक हस्तांतरण, बाजार विस्तार, सब्सिडी प्रावधान, स्टार्टअप एवं उद्यमिता को प्रोत्साहित करने से जुड़े निर्णयों को मंजूरी मिलने से किसानों एवं नए उद्यमियों को प्रत्यक्ष लाभ मिलने की उम्मीद है।

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने इस वर्ष 15 सितंबर को राष्ट्रीय मखाना बोर्ड की औपचारिक शुरुआत की थी। मखाना क्षेत्र के समग्र विकास के लिए 476.03 करोड़ रुपए की लागत से वर्ष 2025-26 से 2030-31 तक संचालित की जाने वाली केंद्रीय मखाना विकास योजना को मंजूरी दी जा चुकी है।

इस योजना से अनुसंधान, बीज उत्पादन, किसानों की क्षमता-वृद्धि, कटाई एवं प्रसंस्करण तकनीक, मूल्य संवर्धन, विपणन और निर्यात को विशेष प्रोत्साहन मिलने की संभावना है।

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