G20: अमेरिकी राष्ट्रपति समेत चीन, ब्रिटेन, कनाडा के PM पहुंचेंगे दिल्ली, जानें पूरी डिटेल

G20: अमेरिकी राष्ट्रपति समेत चीन, ब्रिटेन, कनाडा के PM पहुंचेंगे दिल्ली, जानें पूरी डिटेल
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नई दिल्ली: जी 20 शिखर सम्मेलन में मेहमानों के स्वागत के लिए भारत तैयार है। 9 सितंबर को देश की राजधानी नई दिल्ली में समारोह का आयोजन होने जा रहा है। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से लेकर कनाडा, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री भी इसमें शामिल होंगे।

दुनिया के कई देश कार्यक्रम में शामिल होंगे। इनमें अमेरिका, रूस, जर्मनी, चीन, सऊदी अरब, ब्रिटेन, कनाडा, इंडोनेशिया, तुर्की, ब्राजील, दक्षिण कोरिया, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, मेक्सिको, जापान, ब्राजील, इटली और अर्जेंटीना जैसे देश शामिल हैं। भारत मंडपम कन्वेंशन सेंटर में आयोजित कार्यक्रम में कई मुद्दों पर चर्चा होगी। इनमें अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात होगी। बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग भी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए भारत नहीं आ रहे हैं। आपको बताते हैं कि किन देशों के नेता कब आएंगे भारत।

ब्रिटेन

भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सबसे पहले भारत आएंगे। वह शुक्रवार (8 सितंबर) को दोपहर 1.40 बजे दिल्ली पहुंचेंगे। उनके स्वागत के लिए केंद्रीय अश्विनी कुमार चौबे एयरपोर्ट जाएंगे।

अमेरिका

दुनिया के सबसे ताकतवर देश अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन शुक्रवार (8 सितंबर) को शाम 6.55 बजे भारत पहुंचेंगे। एयरपोर्ट पर उनका स्वागत मंत्री वीके सिंह करेंगे। बता दें कि अपनी पत्नी और अमेरिका की प्रथम महिला जिल बिडेन के कोविड-19 से संक्रमित पाए जाने के बाद कुछ सस्पेंस था कि बिडेन शिखर सम्मेलन में शामिल हो पाएंगे या नहीं। 6 सितंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति को यात्रा करने की अनुमति दी गई थी।

कनाडा

प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो भी कल यानी शुक्रवार को शाम 7 बजे भारत पहुंचेंगे। एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए मंत्री राजीव चन्द्रशेखर मौजूद रहेंगे।

चीन

चीनी प्रधानमंत्री ली कियांग शुक्रवार शाम 7.45 बजे नई दिल्ली पहुंचेंगे। राष्ट्रपति शी जिनपिंग जगह पर वह कार्यक्रम में शामिल होंगे। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात पर जोर दिया है कि शी जिनपिंग का शिखर सम्मेलन में शामिल न होना "असामान्य नहीं" है और इससे बैठक में सर्वसम्मत विज्ञप्ति तैयार करने की बातचीत प्रभावित नहीं होगी। इसके अलावा, बीजिंग द्वारा जारी एक नया नक्शा जिसमें अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन पठार को चीन के क्षेत्र के रूप में दिखाया गया है, उससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ाने की कोशिश है।

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