UN में पाकिस्तान का कश्मीर-राम मंदिर राग, भारत ने दिया कड़ा जवाब | Sanmarg

UN में पाकिस्तान का कश्मीर-राम मंदिर राग, भारत ने दिया कड़ा जवाब

नई दिल्ली: पाकिस्तान अपनी धूर्त हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान ने फिर कश्मीर पर जहर उगला है। साथ ही राम मंदिर का मुद्दा उठाया तो भारत ने पाकिस्तान को धो दिया। भारत ने पलटवार करते हुए कहा, पाकिस्तान को मानवाधिकार और लोकतंत्र जैसे मुद्दों पर बात करने का कोई अधिकार नहीं है। UN में भारत की स्थायी सदस्य रुचिरा कांबोज ने कहा कि जिसका हर चीज में हमेशा रिकॉर्ड खराब रहा हो, वो ऐसी बातें न करे। दरअसल, पाकिस्तान के मुनीर अकरम ने कश्मीर, नागरिकता अधिनियम और राम मंदिर के मुद्दे पर टिप्पणी कर भारत को घेरने की कोशिश की थी, जिसके बाद भारत ने कड़ी प्रतिक्रियाएं दीं।

रुचिरा कांबोज ने पाकिस्तान को लताड़ा

गुरुवार को रुचिरा ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा कि हम इस चुनौतीपूर्ण समय में शांति बनाने का प्रयास कर रहे हैं, हमारा ध्यान केवल रचनात्मक बातचीत पर है। ऐसे में हमने एक खास प्रतिनिधिमंडल की टिप्पणियों को अलग रखने का फैसला किया है, जिसमें न केवल शिष्टाचार की कमी है, बल्कि उनकी विनाशकारी और हानिकारक प्रकृति से अड़चन आती है। उन्होंने कहा, हमारा क्या उस देश से यह पूछना बनता है, जो अपने आप में सभी पहलुओं पर सबसे खराब ट्रैक रिकॉर्ड रखता है?

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‘हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन धर्म का जन्मस्थान है भारत’

रुचिरा ने आगे कहा, धर्म के आधार पर बढ़ती असहिष्णुता और हिंसा पर हमें तत्काल ध्यान देने की जरूरत है। चर्चों, मठों, गुरुद्वारों, मस्जिदों और मंदिरों पर बढ़ते हमलों से हम चिंतित हैं। कांबोज ने कहा, भारत न केवल हिंदू धर्म, बल्कि बौद्ध धर्म, जैन धर्म और सिख धर्म का जन्मस्थान है, बल्कि इस्लाम, यहूदी धर्म, ईसाई धर्म और पारसी धर्म का भी गढ़ है। भारत धार्मिक तौर पर सताए गए लोगों के लिए ऐतिहासिक रूप से शरणस्थली रहा है।

फिलिस्तीन का भी किया समर्थन

इससे पहले भारत ने UN में इजरायल और फिलिस्तीन के लिए 2 राज्य समाधान का समर्थन भी किया था। संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कांबोज ने कहा कि भारत 2 राज्य समाधान का समर्थन करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां फिलिस्तीन के लोग सुरक्षित सीमा के भीतर एक स्वतंत्र देश में रह सकेंगे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में फिलिस्तीन के आवेदन पर पुनर्विचार करने की बात कही।

 

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