

नई दिल्ली - देश के करोड़ों आम लोगों के लिए एक बुरी खबर यह है कि 1अप्रैल से 900 से अधिक आवश्यक दवाओं की कीमतों में 1.74 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने जा रही है। इस वृद्धि से दवाओं का खर्च बढ़ेगा, जिससे लोगों की बचत पर असर पड़ेगा। महंगी होने वाली दवाओं में संक्रमण, डायबिटीज और हृदय रोग से जुड़ी दवाएं भी शामिल हैं। गौरतलब है कि आवश्यक दवाओं की कीमतें केंद्र सरकार के रसायन और उर्वरक मंत्रालय के तहत काम करने वाले राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) द्वारा निर्धारित की जाती हैं। हर साल, इन कीमतों में बदलाव थोक मूल्य सूचकांक (WPI) के आधार पर किया जाता है, जिसके अनुसार इस बार कीमतों में वृद्धि की गई है।
मलेरिया, एंटीवायरल, एंटीबायोटिक दवाओं की कीमत में होगी बढ़ोतरी
सरकार के इस आदेश के बाद कई आवश्यक दवाओं की कीमतों में वृद्धि होगी। अब एंटीबायोटिक एजिथ्रोमाइसिन की कीमत 250 मिलीग्राम की टैबलेट के लिए 11.87 रुपये और 500 मिलीग्राम की टैबलेट के लिए 23.98 रुपये होगी। एमोक्सिसिलिन और क्लैवुलैनिक एसिड युक्त एंटीबैक्टीरियल ड्राई सिरप की कीमत 2.09 रुपये प्रति मिलीलीटर तय की गई है। एंटीवायरल दवा एसाइक्लोविर की कीमत 200 मिलीग्राम टैबलेट के लिए 7.74 रुपये और 400 मिलीग्राम टैबलेट के लिए 13.90 रुपये होगी। इसके अलावा, मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की कीमत 200 मिलीग्राम की टैबलेट के लिए 6.47 रुपये और 400 मिलीग्राम की टैबलेट के लिए 14.04 रुपये निर्धारित की गई है।
दर्द की दवाएं भी होंगी महंगी
दर्द से राहत देने वाली दवा डाइक्लोफेनाक की अधिकतम कीमत अब 2.09 रुपये प्रति टैबलेट होगी। वहीं, इबुप्रोफेन की कीमत 200 मिलीग्राम टैबलेट के लिए 0.72 रुपये और 400 मिलीग्राम टैबलेट के लिए 1.22 रुपये तय की गई है।
राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने राष्ट्रीय आवश्यक दवाओं की सूची (NLEM) में शामिल 1000 से अधिक दवाओं की कीमतों में बढ़ोतरी को मंजूरी दी है।