हम धर्म और भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं करते - सीएम योगी

सरकारी योजनाओं को लेकर सीएम योगी ने की खुल कर बात
हम धर्म और भाषा के आधार पर भेदभाव नहीं करते - सीएम योगी
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लखनऊ - केंद्र की राजनीति में नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ का नाम हमेशा सुर्खियों में बना रहता है। हाल के वर्षों में, योगी आदित्यनाथ एक प्रमुख भगवा चेहरा बनकर उभरे हैं। अवैध मदरसों, लव जिहाद और सड़कों पर नमाज जैसे मुद्दों पर उनका रुख हमेशा स्पष्ट रहा है। अपने एक बयान में, मुख्यमंत्री योगी ने मोदी सरकार की नीतियों, भाजपा नेताओं द्वारा मुस्लिम समुदाय को लेकर दिए गए विवादित बयानों और केंद्रीय नेताओं के साथ मतभेद की अटकलों पर अपनी स्थिति स्पष्ट की।

80 करोड़ लोग राशन सुविधा का लाभ ले रहे हैं - सीएम योगी

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2014 में सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'सबका साथ, सबका विकास' की नीति अपनाई और सभी के लिए समान रूप से विकास और कल्याणकारी योजनाएं लागू कीं, बिना किसी जाति, धर्म या भाषा के आधार पर भेदभाव किए।

आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि अब तक चार करोड़ लोगों को आवास मिल चुके हैं, 50 करोड़ लोग हर साल आयुष्मान योजना के तहत 5 लाख रुपये तक का बीमा लाभ उठा रहे हैं, और 80 करोड़ लोग राशन सुविधा का लाभ ले रहे हैं। इसके अलावा, करोड़ों घरों में मुफ्त बिजली कनेक्शन दिए गए हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि इन योजनाओं के लाभार्थियों की संख्या में मुसलमान सबसे अधिक हैं, और किसी से उनकी जाति या धर्म नहीं पूछा गया।

मुस्लिमों को सरकार की योजनाओं से अधिक लाभ हुआ है - सीएम योगी

उत्तर प्रदेश की कुल आबादी में 20 प्रतिशत मुस्लिम हैं, लेकिन उन्हें कल्याणकारी योजनाओं का 35 से 40 प्रतिशत तक लाभ मिला है। सरकार ने जरूरतमंदों को मदद पहुंचाई है, लेकिन तुष्टीकरण की नीति नहीं अपनाई।

टिकट बंटवारे के सवाल पर उन्होंने बताया कि यह निर्णय भाजपा का संसदीय बोर्ड लेता है, जहां हर मुद्दे पर चर्चा होती है। उन्होंने कहा कि कोई भी कुछ भी बोल सकता है, लेकिन सबका मुंह बंद करना संभव नहीं है।

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