ठाणे : महाराष्ट्र के छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में 24 घंटे के भीतर 18 मरीजों की मौत का मामला सामने आया है। नगर निगम आयुक्त अभिजीत बांगर ने रविवार को बताया कि ठाणे के कलवा में छत्रपति शिवाजी महाराज अस्पताल में पिछले 24 घंटों में अठारह मरीजों की मौत हो गई है। इनमें 10 महिलाएं और आठ पुरुष शामिल हैं, जिनमें से छह ठाणे शहर से, चार कल्याण से, तीन साहपुर से, एक-एक भिवंडी, उल्हासनगर और गोवंडी (मुंबई में) से हैं। वहीं एक मरीज किसी अन्य जगह से है और एक अज्ञात है। मृतकों की उम्र 12 से लेकर 50 वर्ष के बीच है।
शिंदे ने स्थिति के बारे में फीडबैक लिया
प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए बांगड़ ने बताया कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने स्थिति के बारे में फीडबैक लिया है और एक स्वतंत्र जांच समिति के गठन का आदेश दिया है। इसकी अध्यक्षता स्वास्थ्य सेवाओं के आयुक्त करेंगे। साथ ही इसमें कलेक्टर, सिविक चीफ, स्वास्थ्य सेवाओं के निदेशक शामिल होंगे। ये समिति मौतों के कारणों के बारे में जांच करेगी। इन मरीजों को गुर्दे की पथरी, दीर्घकालिक लक्वा, अल्सर, निमोनिया, केरोसिन विषाक्तता, सेप्टीसीमिया आदि की जटिलताएं थीं। उन्होंने बताया कि इन मरीजों को दिए गए इलाज की जांच की जाएगी और मृतक के परिजनों के बयान आदि दर्ज किए जाएंगे। कुछ परिजनों द्वारा लापरवाही जैसे गंभीर आरोप भी लगाए हैं, जिस पर जांच समिति गौर करेगी।
अस्पताल की आईसीयू क्षमता बढ़ा दी गई है
महाराष्ट्र के मंत्री दीपक केसरकर ने कहा कि इस अस्पताल की आईसीयू क्षमता बढ़ा दी गई है और जब क्षमता बढ़ती है तो गंभीर मरीज जो अपने जीवन के अंतिम चरण में होते हैं, उन्हें भी भर्ती किया जाता है। डॉक्टर उन्हें बचाने की पूरी कोशिश करते हैं। जांच के लिए एक कमेटी पहले ही गठित की जा चुकी है। अगर ये प्राकृतिक मौतें हैं और आखिरी स्टेज पर आई हैं तो डॉक्टरों के लिए भी यह बहुत मुश्किल हो जाता है। मरीज किसी भी अस्पताल में जा सकता है लेकिन वह किस स्थिति में जाता है यह महत्वपूर्ण है। डॉक्टरों के लिए उसे बचाना महत्वपूर्ण है।