वीजा जारी करना किसी भी सरकार का संप्रभु अधिकारः जयशंकर

अमेरिकी नियम कड़े होने के बाद राज्यसभा में अमेरिका के वीजा के संबंध में विदेश मंत्री ने विस्तृत जवाब दिया।
वीजा जारी करना किसी भी सरकार का संप्रभु अधिकारः जयशंकर
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नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में कहा कि वीजा जारी करना किसी भी सरकार का संप्रभु अधिकार है और अमेरिका के पास उसके राष्ट्रीय सुरक्षा आकलन के आधार पर वीजा देने या नहीं देने का निर्णय लेने का अधिकार है।

उच्च सदन में पूरक प्रश्नों के उत्तर में उन्होंने बताया कि अमेरिका ने हाल ही में, ताजा घोषणा बुधवार को, वीजा निर्णयों को पूरी तरह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा फैसला घोषित किया है। जयशंकर ने यह बात ऐसे समय पर कही है जब इस बात पर चिंता जताई जा रही है कि अमेरिका ने वीजा ‘स्क्रीनिंग’ प्रणाली को और कड़ा कर दिया है और अब वह आवेदकों के सोशल मीडिया खातों की विस्तृत जांच भी करेगा, जिसका असर भारतीय आवेदकों पर भी पड़ने का अनुमान है।

वीजा निर्णय एक राष्ट्रीय सुरक्षा निर्णय

जयशंकर ने कहा, ‘‘वीजा जारी करना किसी भी सरकार का संप्रभु अधिकार है। अमेरिका के मामले में, उनका यह स्पष्ट मत है—और ताजा घोषणा कल की है—कि हर वीजा निर्णय एक राष्ट्रीय सुरक्षा निर्णय है। इसलिए वे किसी व्यक्ति की राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित स्थिति का आकलन कर वीजा पर निर्णय लेने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं।’’

उन्होंने कहा कि अमेरिकी सरकार ने सार्वजनिक रूप से कहा है कि छात्र वीजा मामलों में वे सभी आवेदकों से अपने सोशल मीडिया खातों की गोपनीयता सेटिंग को ‘सार्वजनिक’ करने को कहेंगे ताकि वे वीजा चाहने वालों के सोशल मीडिया पोस्ट की पूरी तरह जांच कर सकें। उन्होंने कहा ‘‘यह उनका सार्वजनिक रूप से घोषित रुख है।’’

अमेरिका से मिली सारी जानकारी

पूरक प्रश्नों का उत्तर देते हुए जयशंकर ने बताया कि छात्र वीजा रद्द या निरस्त किए जाने की समस्या अप्रैल 2025 से शुरू हुई, जब अमेरिकी विदेश मंत्री ने नयी नीति की घोषणा की। उन्होंने कहा ‘‘इसके परिणामस्वरूप, अपेक्षाकृत मामूली उल्लंघनों पर भी छात्रों के वीजा रद्द किए गए। कई मामलों में उन पर स्वयं-निर्वासन का दबाव भी बनाया गया।’’ इस मुद्दे पर भारत द्वारा अमेरिकी अधिकारियों से बात किए जाने संबंधी प्रश्न पर मंत्री ने कहा, ‘‘हां, जिन भी मामलों की जानकारी हमें मिली और जहां छात्रों ने सीधे हमारे वाणिज्य दूतावासों या दूतावास से संपर्क किया, वहां हमारे मिशन ने हस्तक्षेप किया है।’’

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